इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Putin Alerts About Nuclear Triad: रूस और यूक्रेन हमला का आज 9वां दिन है। वहीं एक एक तरफ रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव को घेर लिया है तो दूसरी ओर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने न्यूक्लियर ट्रायड को अलर्ट कर दिया है। पुतिन ने परमाणु हमले की भी धमकी दी है। तो चलिए जानते हैं। न्यूक्लियर ट्रायड क्या होता है? कितने देश न्यूक्लियर वेपन से लैस हैं? परमाणु हमले की पुतिन की धमकी में कितना दम है। परमाणु हथियारों और बाकी हथियारों में अंतर क्या है?
न्यूक्लियर ट्रायड क्या है? (what is nuclear triad)
- चलिए इस न्यूक्लियर ट्रायड को भारत और पाकिस्तान के उदाहरण से समझते हैं। माना भारत और पाकिस्तान कश्मीर में आतंक के मुद्दे पर युद्ध की तैयारी करने लगते हैं। परमाणु हथियारों को छोड़ दें तो सैनिक शक्ति के मामले में भारत पाक पर काफी भारी है। यानी युद्ध हुआ तो भारत की जीत तकरीबन तय है। ऐसे हालात में पाक भारत पर परमाणु हमला करने का प्लान बनाने में जुट जाता है।
- अब सवाल ये है कि पाकिस्तान सबसे पहले क्या सोचेगा? इसका जवाब है कि ऐसे में पाकिस्तान की सबसे बड़ी चिंता होगी कि अगर वह परमाणु हमला करता है तो भारत भी जवाब में उस पर परमाणु हथियार इस्तेमाल करेगा। इस तरह पाकिस्तान खुद भी तबाह हो जाएगा। ऐसे में पाकिस्तान भारत पर इतने ज्यादा परमाणु बम गिराने का प्लान बनाएगा कि भारत की जमीन पूरी तरह तबाह हो जाए और वह पाकिस्तान पर जवाबी हमला करने की स्थिति में न रहे। इधर, भारत पहले से ऐसे किसी परमाणु हमले के जवाब में दुश्मन पर परमाणु हमला करने की क्षमता को बचाए रखने की तैयारी किए बैठा होगा।
- पहला तरीका- परमाणु बमों से लैस मिसाइल और लड़ाकू विमानों को ऐसी जगहों पर तैनात रखना जो परमाणु हमले के बावजूद पाकिस्तान को जवाब दे सकें। ऐसी जगहों में ऊंचे पर्वतीय इलाके, दूर अंडमान निकोबार जैसे द्वीप और मिसाइल छुपाकर दागने के लिए अंडरग्राउंड साइलोस यानी भूमिगत ठिकाने शामिल हैं।
- दूसरा तरीका- जमीन से दागी जाने वाली मिसाइलों और विमानों से परमाणु बम गिराने की क्षमता के साथ समुद्र में युद्धपोत और पनडुब्बियों से परमाणु मिसाइल दागने की ताकत डेवलप करना है। इनमें खास ध्यान परमाणु ईंधन से चलने वाली पनडुब्बियों पर दिया जाता है, क्योंकि युद्धपोतों को तलाश कर डुबोया जा सकता है लेकिन गहरे समुद्र में गोता लगा रही पनडुब्बी को तलाशना आसान नहीं।
- इस बात से स्पष्ट है कि परमाणु हथियारों को जमीन से मिसाइलों के जरिए, हवा से लड़ाकू विमानों के जरिए और समुद्र से पनडुब्बियों के जरिए दागने की क्षमता को ही न्यूक्लियर ट्रायड कहते हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसी ट्रायड या ताकत को तैयार रखने का आदेश दिया है।
क्या न्यूक्लियर ट्रायड से तैयार होता न्यूक्लियर डेटरेंट? ( Putin Alerts About Nuclear Triad)
- भारत यह क्षमता विकसित कर चुका है। ऐसे में पाकिस्तान के सामने हमेशा यह चिंता रहेगी कि वह भारत पर चाहे कितना बड़ा परमाणु हमला कर ले, लेकिन भारत गुपचुप तरीके से विशाल समुद्र में घूम रही अपनी पनडुब्बियों के जरिए हमेशा जवाबी परमाणु हमला करके उसे तबाह करने की स्थिति में बना रहेगा।
- इस खौफ से वह कभी भारत पर परमाणु हमला नहीं करेगा। न्यूक्लियर ट्रायड के जरिए परमाणु हथियारों के इस संतुलन को ही न्यूक्लियर डेटरेंट यानी न्यूक्लियर बचाव डेवलप करना कहते हैं। यही डेटरेंट है जिसकी वजह से अक्सर कहा जाता है कि परमाणु हथियार इस्तेमाल करने के लिए नहीं होते हैं। या परमाणु हथियार शांति बनाए रखने के लिए जरूरी हैं।
पुतिन ने क्यों दी धमकी? (Why did Putin threaten)
- यहां पहला सवाल यह है कि यूक्रेन के पास परमाणु हथियार नहीं है तो भी पुतिन ने धमकी क्यों दी। दरअसल, पुतिन यूक्रेन को नहीं बल्कि अमेरिका की अगुआई वाले नाटो को यह धमकी दे रहे हैं।
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि उनका मकसद अपनी परमाणु ताकत दिखाकर अमेरिका या नाटो को यूक्रेन के युद्ध से दूर रखना है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर रूस अपनी परंपरागत सैन्य ताकत के बूते यूक्रेन को काबू नहीं कर सका तो भी वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
जो कहा वो कर दिखाय पुतिन ने
- एक्सपर्ट्स का कहना है कि पुतिन ने अब तक जो कहा है वो कर दिया है। 2014 में जब दुनियाभर के देशों को लग रहा था कि पुतिन क्रीमिया पर कब्जा नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने किया। इसके बाद भी दुनिया को लगा कि पुतिन अब डोनबास में युद्ध नहीं छेड़ेंगे। इस बार फिर से पुतिन ने चौंकाया और डोनबास में जंग छेड़ दी।
- 2021 में पुतिन यूक्रेन को नाटो में नहीं शामिल होने को लेकर चेतावनी देते रहे। तकरीबन सभी बड़े देश इसे हल्की धमकी मानते रहे, लेकिन पुतिन ने फिर चौंकाया और 21 फरवरी को यूक्रेन के दो प्रांतों, लुहांस्क और डोनेट्स्क को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी। इसके बाद भी यूरोप के ज्यादातर देश मान रहे थे कि रूस यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा। पुतिन ने 24 फरवरी वठ सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान ही यूक्रेन पर हमले का आदेश दे दिया।
दुनिया के कितने देशों के पास है न्यूक्लियर वेपन? ( Putin Alerts About Nuclear Triad)
आपको बता दें कि दुनियाभर के नौ देशों के पास 12 से 13 हजार न्यूक्लियर वेपन हैं। दुनियाभर में, इसमें से 90 फीसदी रूस और अमेरिका के पास है। नॉर्थ कोरिया के पास 20, इजराइल के पास 90, भारत के पास 160, पाकिस्तान के पास 165, ब्रिटेन 225, चीन 350, फ्रांस 290, अमेरिका 5,428 व रूस के पास 5, 977 फीसदी न्यूक्लियर वेपन हैं।
सौ किलोटन का न्यूक्लियर वेपन कितनी तबाही मचा सकता?
1.8 किलोमीटर के एरिया को पूरी तरह से तबाह कर देता है। पांच किलोमीटर के एरिया को भारी नुकसान पहुंचाता है। तीन किलो मीटर के एरिया में गंभीर तबाही मचाता है। आठ किलो मीटर तक के एरिया में इस नुकसान का असर होता है।
Putin Alerts About Nuclear Triad
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