संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News (इंडिया न्यूज़), दिल्ली: 1942 का Quit India और 2023 का Quit India, फासला 8 दशकों का है और इस लंबे अंतराल में भारत की राजनीति ने 360 डिग्री का टर्न ले लिया है. वो कांग्रेस जो 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की अगुवाई कर रही थी, वो आज संसदीय राजनीति में ‘भारत जोड़ो’ के नाम पर सत्ता की वापसी का प्लान तैयार कर रही है. चालीस के दशक में दक्षिण पंथ की जो राजनीति अपनी ज़मीन तलाश रही थी, वो आज अपने स्वर्णिम दौर में है. भारतीय जनता पार्टी और शीर्ष नेतृत्व ने 8 दशकों बाद Quit India के नाम से एक नए अभियान की भूमिका बुननी शुरू कर दी है.
1942 का वो दौर जब दुनिया के बड़े मुल्कों में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान बम-गोले बरस रहे थे, हिन्दुस्तान में अंग्रेजों से आज़ादी की फ़ाइनल जंग शक्ल ले रही थी. कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में भारत छोड़ो आंदोलन की रूपरेखा बनी और गांधी ने मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान से करो या मरो का नारा देकर एक बड़े आंदोलन की शुरुआत कर दी. आंदोलन ने ब्रिटिश हुकूमत को हिलाकर रख दिया.
अब प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2023 में एक और Quit India मूवमेंट की अपील की है. 6 अगस्त को मेगा रेलवे कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी के क्विट इंडिया मूवमेंट का ज़िक्र किया और इसे मौजूदा राजनीति से जोड़ते हुए नया नारा गढ़ दिया- भ्रष्टाचार Quit India , परिवारवाद Quit India , तुष्टिकरण Quit India. बीजेपी संसदीय दल की मीटिंग में भी प्रधानमंत्री ने सांसदों को Quit India अभियान का नया टास्क दे दिया है. मानसून सत्र के ख़त्म होते ही बीजेपी के दिग्गजों को देश भर में ‘भ्रष्टाचार भारत छोड़ो’ का अभियान चलाना है. ‘परिवारवाद भारत छोड़ो’ वाले नारे के साथ राजनीतिक दलों की वंशवादी परंपरा पर चोट करनी है. इसके साथ ही तुष्टिकरण भारत छोड़ो वाली मुहिम के साथ एक नैरेटिव गढ़ना है. कांग्रेस पर ये तोहमत लगती रही है कि यूपीए राज में तुष्टिकरण की वजह से देश के अल्पसंख्यकों की मौज रहती है और बहुसंख्यक आबादी को इसकी क़ीमत चुकानी पड़ती है.
इसमें कोई संदेह नहीं कि ‘भारत जोड़ो’ और ‘भारत छोड़ो’ वाला ये सियासी संग्राम 2024 के चुनावी महाभारत तक जारी रहेगा. कांग्रेस को लगता है कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के ज़रिए अपनी छवि बदली है और उसका फ़ायदा उसे मिलेगा. इसलिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के पार्ट टू की तैयारी शुरू हो गई है. राहुल गांधी की दूसरी भारत जोड़ो यात्रा के लिए कांग्रेस मोदी-शाह के गढ़ गुजरात को पहला विकल्प मान रही है. कहा जा रहा है कि महात्मा गांधी की जन्म भूमि पोरबंदर से राहुल गांधी मिशन 2024 की शुरुआत करेंगे. संसद सदस्यता की बहाली के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश हाई है. इस बीच I.N.D.I.A के नाम से बने नए गठबंधन के चेहरे के तौर पर भी राहुल गांधी की दावेदारी बढ़ गई है. हालाँकि बीजेपी के रणनीतिकार I.N.D.I.A और भारत जोड़ो वाले कांग्रेस के दांव की काट में जुट गए हैं.
QUIT INDIA आंदोलन के नामकरण के दौरान महात्मा गांधी ने 1942 में जिस राजनीतिक मर्यादा का पालन किया था, 2023 में उसका पालन एक बड़ी चुनौती रहेगी. कहते हैं, महात्मा गांधी जब इस आंदोलन के नाम पर सहयोगियों से चर्चा कर रहे थे तब कई नाम आए थे- किसी ने सुझाया आंदोलन का नाम ‘गेट आउट’ रखते हैं, तो गांधी ने कहा ये शिष्ट नहीं है. कुछ और नाम आए लेकिन सबको गांधी ने ख़ारिज कर दिया. जी गोपालस्वामी की पुस्तक ‘गांधी एंड मुंबई’ के मुताबिक़ तत्कालीन बंबई के मेयर यूसुफ़ मेहर अली ने गांधी को एक धनुष भेंट किया, जिस पर लिखा था- QUIT INDIA. गांधी ने कहा- आमीन यानी ऐसा ही हो. और अंग्रेजों भारत छोड़ो की गूंज पूरे देश में सुनाई देने लगी.
2023 के QUIT INDIA अभियान में सियासी शिष्टाचार और मर्यादा की 8 दशक पुरानी परंपरा को निभाने का ज़िम्मा आज की राजनीति पर है. QUIT INDIA का एक ऐतिहासिक संदर्भ है. आज़ादी की निर्णायक लड़ाई में इस आंदोलन की अपनी अहमियत है. राजनीतिक उठापटक में ऐतिहासिक आंदोलन और इसके साथ जुड़ी सांस्कृतिक चेतना अब क्या शक्ल लेगी इस पर राजनीतिक पंडितों के साथ ही आम लोगों की निगाहें भी रहेंगी.
(लेखक पशुपति शर्मा इंडिया न्यूज़ चैनल में कार्यकारी संपादक हैं)
Also Read
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.