संबंधित खबरें
मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिला उठे सपाई, कह दी ऐसी बात सुनकर सकते में आ जाएंगे आप
महाराष्ट्र्र चुनाव में मौलानाओं के फतवे का बीजेपी पर नहीं पड़ा कुछ असर, अब PM Modi देंगे ऐसी सजा 7 पुश्तें भी रखेंगी याद
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
‘हमने लोकतंत्र की परीक्षा…’, झारखंड चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद ये क्या बोल गए हेमंत सोरेन? PM Modi को नहीं आएगा रास
हेमंत सोरेन से अलग क्या है कल्पना की पहचान? राजनीति में आने से पहले चलाती थीं प्ले स्कूल, JMM की जीत में रही बड़ी भूमिका
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली। Qutub Minar Controversy: कुतुब मीनार विवाद को लेकर दिल्ली (Delhi) की साकेत अदालत ( Saket court) में मंगलवार को सुनवाई की गई है। बता दें कि कुतुब मीनार (Qutub Minar) में पूजा के अधिकार को लेकर याचिका लगाई गई थी। याचिका में कुतुब मीनार परिसर में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का दावा किया गया है।
मंगलवार को जस्टिस निखिल चोपड़ा (Justice Nikhil Chopra) की पीठ के समक्ष मामले में 12 मिनट तक सुनवाई चली। पीठ ने हिंदू पक्ष की पूजा के अधिकार वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में फैसला 9 जून को आएगा। कोर्ट ने दोनों पक्षों को एक हफ्ते के अंदर ब्रीफ रिपोर्ट जमा करने कहा है।
उधर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि कुतुब मीनार परिसर में स्थित मस्जिद किसी मंदिर (Temple in Qutub Minar Complex) को तोड़कर बनाई गई थी। अधिकारियों के अनुसार इस बात का भी कोई सबूत नहीं है कि लोहे का पिलर और मंदिर के अवशेष वहां पहले से मौजूद थे या कहीं बाहर से लाए गए थे।
एएसआई ने कहा कि कुतुब मीनार कभी भी पूजा का स्थल नहीं था। एएसआई ने कुतुब मीनार के परिसर में मंदिर का जीर्णोद्धार करवाने की मांग का भी विरोध किया है। उसने कहा कि 1914 से कुतुब मीनार की एक ऐतिहासिक इमारत के रूप में सुरक्षा की जा रही है और इसके स्ट्रक्चर को बदला नहीं जा सकता।
बता दें कि साकेत कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया था कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू (Hindu) और जैन (jain) मंदिर थे जिन्हें तोड़ दिया गया था। वहीं याचिकाकर्ता के द्वारा परिसर में पूजा कि इजाजत भी मांगी गई थी।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब एएसआई के पूर्व रीजनल डायरेक्टर धर्मवीर शर्मा (Former Regional Director Dharamveer Sharma) ने दावा किया कि कुतुब मीनार को हिंदू राजा विक्रमादित्य (King Vikramaditya) ने बनवाया था न कि कुतुब अल दीन एबक ने। उनका कहना था कि यह एक सन टावर था।
मस्जिद परिसर में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां पाए जाने का भी दावा किया गया था। कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद को 27 जैन मंदिर तोड़कर बनाया गया था। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि पूजा का संवैधानिक अधिकार नहीं दिया गया है।
अगर एक मूर्ति तोड़ दी जाती है तो भी यह अपना देवत्व नहीं खोती है। परिसर में मूर्तियां हैं। कोर्ट ने पहले भी मूर्तियों की हिफाजत को लेकर आदेश दिया था। अगर वहां मूर्तियां हैं तो पूजा का अधिकार भी होना चाहिए।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
ये भी पढ़ें : जानिए कुतुब मीनार का इतिहास और विवाद क्या है?
ये भी पढ़ें : ज्यादा धूप आंखों के लिए नुकसानदायक, इस तरह करें देखभाल
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.