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Election Commission: ‘वोट चोरी’ विवाद पर घेरे में राहुल गांधी, 200 से ज़्यादा पूर्व जज-अफसरों ने साधा निशाना

Rahul Gandhi: 272 रिटायर्ड जज, नौकरशाह, सैन्य अधिकारी और डिप्लोमेट्स ने एक जॉइंट लेटर में राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों की कड़ी आलोचना की है.

Written By: Mohd. Sharim Ansari
Last Updated: November 19, 2025 18:21:29 IST

Vote Chori: 200 से ज़्यादा रिटायर्ड जज, नौकरशाहों, पूर्व आर्मी ऑफिसर्स और राजनयिकों ने मुख्य विपक्षी दल के ‘वोट चोरी’ अभियान के तहत चुनाव आयोग पर लगाए गए गंभीर आरोपों के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कड़ी आलोचना की है. इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 272 लोगों में 16 रिटायर्ड जज, 123 पूर्व नौकरशाह, 133 रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर्स और 14 पूर्व राजदूत शामिल हैं.

18 नवंबर को लिखे गए ‘Assault on National Constitutional Authorities’ (राष्ट्रीय संवैधानिक प्राधिकारियों पर हमला) शीर्षक वाले इस पत्र में विपक्षी नेताओं पर प्रमुख संस्थानों के खिलाफ जहरीली बयानबाजी करने और राजनीतिक बयानबाजी को बढ़ावा देने के लिए भड़काऊ लेकिन निराधार आरोप लगाने का आरोप लगाया गया है.

‘संवैधानिक संस्थाओं पर हमला’ – पत्र में लिखा आरोप

पत्र में कहा गया है कि हम, सिविल सोसाइटी के वरिष्ठ नागरिक, इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं कि भारत के लोकतंत्र पर बल प्रयोग से नहीं, बल्कि इसकी आधारभूत संस्थाओं के खिलाफ ज़हरीली बयानबाज़ी की बढ़ती लहर से हमला हो रहा है. कुछ राजनीतिक नेता, सही पॉलिसी विकल्प प्रस्तुत करने के बजाय, अपनी नाटकीय राजनीतिक रणनीति के तहत भड़काऊ लेकिन निराधार आरोपों का सहारा लेते हैं.

उन्होंने कहा कि वे आक्रामक राजनीतिक बयानबाज़ी के ज़रिए लोकतांत्रिक संस्थाओं पर बढ़ते हमले से चिंतित हैं. उन्होंने दावा किया कि सशस्त्र बलों, न्यायपालिका, संसद और अन्य संवैधानिक प्राधिकारियों को निशाना बनाने के बाद, अब चुनाव आयोग पर भी इसी तरह के ‘व्यवस्थित और षड्यंत्रकारी हमले’ किए जा रहे हैं.

पत्र में कहा गया है कि सशस्त्र बलों, न्यायपालिका, संसद और कई संवैधानिक पदों को कलंकित करने के अपने प्रयासों के बाद, उन्हीं नेताओं ने अब चुनाव आयोग पर हमला बोला है और उसे समझौतावादी दिखाने की कोशिश की है.

बेबुनियादी आरोप न लगाएं नेता

पत्र में, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया है कि देश के नागरिकों को चुनाव आयोग के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए, चापलूसी के लिए नहीं, बल्कि दृढ़ विश्वास के साथ. उन्होंने कहा कि समाज को यह मांग करनी चाहिए कि राजनीतिक कर्ता-धर्ता निराधार आरोपों से इस महत्वपूर्ण संस्था को कमज़ोर करना बंद करें.

भारत की शुरुआती पीढ़ी का हवाला देते हुए, हस्ताक्षर करने वालों ने कहा कि पूर्व में रह चुके नेताओं ने गंभीर असहमतियों के बीच भी लोकतांत्रिक संस्थाओं को मज़बूत किया. उन्होंने टी एन शेषन (T N सेशन) और एन गोपालस्वामी (N Gopalaswami) जैसे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों को भी याद किया, जिनके दृष्टिकोण ने चुनाव आयोग को एक शक्तिशाली संवैधानिक संरक्षक के रूप में बदल दिया. पत्र में कहा गया है कि इन हस्तियों ने लोकप्रियता की चाहत नहीं की, बल्कि ‘निडरता, निष्पक्षता और लगातार मेहनत’ से नियमों का पालन किया.

गांधी ने इससे पहले 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर चुनावी गड़बड़ी का आरोप लगाया था. उनके मुताबिक, एक ब्राज़ीलियन मॉडल ने हरियाणा में कम से कम 10 अलग-अलग वोटिंग सेंटर्स पर 22 बार वोटर के रूप में रजिस्टर कराया.

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