India News (इंडिया न्यूज),(कनिका कटियार की रिपोर्ट ) Rahul Gandhi: 2019 में राहुल को ममता और पवार राहुल को विपक्ष का नेता मानने को तैयार नहीं थे। लेकिन 2024 में वक़्त ने करवट ली है, कांग्रेस को राहुल को विपक्ष का नेता बनाने के नम्बर मिले हैं।
अब वही शरद पवार राहुल को बतौर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेता के तौर पर महाराष्ट्र में सुप्रसिद्ध पंढरपुर वार्षिक धार्मिक यात्रा में शामिल होने का न्योता दे चुके हैं और सूत्रों की मानें तो राहुल 14 जुलाई को इसमें कुछ वक्त के लिए पैदल चलकर शामिल होने का मन बना रहे है।
पंढरपुर की ये यात्रा समाज सुधारक तुकाराम, संत ज्ञानेश्वर की पालकी के साथ भजन कीर्तन करते हुए करीब 250 किलोमीटर की है। यानी दलित उत्थान, समाज सुधार और विकासशील हिन्दू समाज को समेटे ये यात्रा खासी अहम है। दरअसल, महाराष्ट्र की सियासत के पुरोधा शरद पवार ने भांप लिया कि, दलित, मुस्लिम, मराठा का मेल अघाड़ी की जीत की कुंजी है। जो हाल के चुनावों में दिखा भी। ऐसे में इस यात्रा को खुद पवार ने 7 जुलाई को अपने गांव कटेवाड़ी में स्वागत करके सियासी लकीर खींची।
उसके बाद पवार ने आषाढ़ी एकादशी यानी 17 जुलाई को खत्म होने वाली यात्रा में शामिल होने के लिए अपने सहयोगी राहुल और उद्धव से इसमें शामिल होने का न्योता दिया।
दरअलस, विट्ठल भगवान और रुक्मणि देवी के मंदिर में खत्म होने वाली ये यात्रा पंढरपुर की पवित्र चंद्रभागा नदी पर खत्म होती है, जहां भक्त स्नान करके अपने पाप धोते हैं। ऐसी मान्यता है।
इस पूरी यात्रा को राज्य में ‘वारी’ कहते हैं, जिसमें लाखों लोग शामिल होते हैं।
ऐसे में मराठा क्षत्रप पवार ने दलित, आदिवासी, मुस्लिम, मराठा वर्ग के साथ ही दलितों को सहेजते हुए प्रगतिशील हिन्दू वर्ग पर निशाना साध कर राज्य की राजनीति के बड़े वोटबैंक को साधने की कोशिश की है। लेकिन बड़ी बात ये है कि, 2019 में पवार जिस कांग्रेस को उजड़ी हवेली का पुराना जमींदार बता रहे थे,अब बदले हालात में उसी के राजकुमार की सरपरस्ती मान रहे हैं, वो भी अपनी सियासी मांद महाराष्ट्र में।
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