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‘अब डर नहीं, न्याय चाहिए’, Maharashtra Satara डॉक्टर महिला सुसाइड केस में Rahul Gandhi ने उठाए गंभीर सवाल

Rahul Gandhi on Satara Doctor Suicide: सतारा में लेडी डॉक्टर सुसाइड केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने इस घटना को सुसाइड नहीं बल्कि संस्थागत हत्या बताया है.

Written By: shristi S
Last Updated: October 26, 2025 14:00:34 IST

Rahul Gandhi Statement on Satara Lady Doctor Suicide Case: महाराष्ट्र (Maharashtra) के सतारा (Satara) में 29 वर्षीय डॉक्टर की आत्महत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि “संस्थागत हत्या” (Institutional Murder) बताया है. राहुल गांधी ने कहा कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है और वह न्याय की इस लड़ाई में पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं.

क्या है पूरा मामला?

यह घटना गुरुवार रात की है, जब महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक होटल के कमरे में डॉक्टर संपदा मुंडे का शव फंदे से लटका मिला. पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या बताया, लेकिन घटनास्थल से मिले नोट्स और शिकायतों से यह मामला बेहद गंभीर रूप ले चुका है.

राहुल गांधी का बयान

राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा है कि महाराष्ट्र के सतारा में बलात्कार और उत्पीड़न से तंग आकर डॉ. संपदा मुंडे की आत्महत्या किसी भी सभ्य समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है. एक होनहार डॉक्टर बेटी, जो दूसरों का दर्द मिटाने की आकांक्षा रखती थी, भ्रष्ट सत्ता और तंत्र में बैठे अपराधियों की प्रताड़ना का शिकार बन गई. जिसे अपराधियों से जनता की रक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई थी, उसी ने इस मासूम के खिलाफ़ सबसे घिनौना अपराध किया उसके साथ बलात्कार और शोषण किया. रिपोर्ट्स के अनुसार, BJP से जुड़े कुछ प्रभावशाली लोगों ने उस पर भ्रष्टाचार का दबाव डालने की कोशिश भी की. सत्ता संरक्षित आपराधिक विचारधारा का ये सबसे घिनौना उदाहरण है। यह आत्महत्या नहीं – संस्थागत हत्या है. जब सत्ता अपराधियों की ढाल बन जाए, तो न्याय की उम्मीद किससे की जाए? डॉ. संपदा की मौत इस BJP सरकार के अमानवीय और संवेदनहीन चेहरे को उजागर करती है. हम न्याय की इस लड़ाई में पीड़ित परिवार के साथ मज़बूती से खड़े हैं. भारत की हर बेटी के लिए – अब डर नहीं, न्याय चाहिए.

क्या आया जांच में सामने?

जांच में सामने आया है कि डॉ. संपदा पर कुछ पुलिस अधिकारियों ने अस्पताल में लाए गए आरोपियों के लिए “फिटनेस सर्टिफिकेट” जारी करने का दबाव बनाया था. उन्होंने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. पुलिस का कहना है कि डॉक्टर ने अस्पताल में लाए गए आरोपियों के लिए सर्टिफिकेट जारी करने से मना कर दिया था, जिसके बाद उन पर उत्पीड़न शुरू हो गया.

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