India News (इंडिया न्यूज), Rahul Gandhi: जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक बार फिर जुबान फिसलती हुई देखने को मिली। राहुल की फिसली जुबान से कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि राजस्थान में उनकी सरकार जा रही है। इतना ही नहीं उन्होंने छत्तीसगढ़ का भी नाम लिया। जबकि दोनों राज्यों में फिलहाल कांग्रेस की सरकार मौजूद है। जैसे ही राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही, उन्होंने तुरंत अपने शब्दों में सुधार किया और माफी मांगी।
प्रेस वार्ता के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि “मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, और तेलंगाना में उनकी सरकार जा रही है।” जबकि मध्यप्रदेश में तो बीजेपी की सरकार है और राजस्थान-छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। इसके तुरंत बाद राहुल ने अपने शब्दों को सही करते हुए माफी मांगी और कहा ‘सॉरी उल्टा बोल दिया’।
बता दें प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बड़ा एलान किया। उन्होने कहा है कि सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की चार घंटे हुए बैठक में ऐतिहासिक फैसला लिया गया है कि पार्टी कांग्रेस शासित सभी राज्यों में जातिगत जनगणना कराई जाएगी।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में जातिगत जनगणना का ऐतिहासिक फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों ने फैसला लिया गया है कि वे हिमचाल प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में जातिगत जनगणना कराएंगे। इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसकी कॉपी आपको जल्दी मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी ने यह फैसला लिया है। INDIA गठबंधन की अधिकतर पार्टियों ने भी जातिगत जनगणना पर सहमति जताई है। कुछ पार्टियों को दिक्कत हो सकती है लेकिन ठीक है। हम फासीवादी पार्टी नहीं है। लेकिन गठबंधन की अधिकतर पार्टियों ने जातिगत जनगणना पर सहमति जताई है।
यह जातिगत जनगणना गरीब लोगों के लिए है-राहुल गांधी
राहुल ने कहा कि यह धर्म या जाति के बारे में नहीं है। यह गरीब तबके के बारे में है। यह जातिगत जनगणना गरीब लोगों के लिए है। फिलहाल दो भारत हैं। एक अडानी का भारत और दूसरा गरीबों का भारत। हमें इस नए एक्सरे की जरूरत है।
राहुल गांधी ने कहा कि “2014 और 2015 में हमने जातिगत जनगणना कराई थी। तक हमारी सरकार का कार्यकाल समाप्त हुआ, 2018 में गठबंधन सरकार आ गई। हमने समिति के चेयरमैन से इन आंकड़ों को जारी करने को कहा। हमारे चार मुख्यमंत्रियों में से तीन ओबीसी समुदाय से थे जबकि बीजेपी के 10 मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ एक मुख्यमंत्री ओबीसी है। जब मैंने ओबीसी प्रतिनिधित्व में असमानता का मुद्दा उठाया, प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं कहा। प्रधानमंत्री ओबीसी के लिए काम नहीं करते हैं। उनका काम ओबीसी वर्ग को भ्रमित करना है।
बता दें बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य में कराई गई जातिगत जनगणना के आकंड़ें जारी किए थे। इन आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है।
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