India News (इंडिया न्यूज़), Bullet Train: बुलेट ट्रेन को लेकर हिंदुस्तान में 2014 से लगातार चर्चा होता चला आ रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट पिछले 10 साल से खूब सुर्खियां बटोरता आ रहा है। पहले से ही चीन-जापान के अलावा कई अन्य विकसित देशों में सुपरफास्ट बुलेट ट्रेन दौड़ रही हैं। वहीं पिछले 10 साल से हिंदुस्तान की जनता देश की पहली बुलेट ट्रेन का इंतजार कर रही है, लेकिन अब लग रहा है कि इंतजार और लंबा करना पद सकता है। इस बीच अब देश के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर बड़ा अपडेट दिया है। उन्होंने कहा है कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली यह सुपरफास्ट ट्रेन दो राज्यों की इकोनॉमी को एक करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

तेज गति से चल रहा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक कार्यक्रम में बताया कि भारत का बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट बहुत अच्छी तरह से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुंबई से अहमदाबाद का पहला कॉरिडोर आर्थिक रूप से कई शहरों को आपस में बांध देगा। साथ ही यह कॉरिडोर कई राज्यों की अर्थव्यवस्था को एकजुट करेगा।उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ एक रेलवे का प्रोजेक्ट नहीं है, हमें बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को इकोनॉमी के नजरिए से देखना होगा। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे पहले बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में मुंबई, ठाणे, वापी, बड़ौदा, सूरत, आनंद और अहमदाबाद को आपस में जोड़ने वाली है। जिसकी वजह से इन सभी बड़े शहरों की अर्थव्यवस्था एक हो जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद आप सूरत में नाश्ता कर और फिर मुंबई जाकर अपने काम निपटा सकते हैं।

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लाखों करोड़ का है ये प्रोजेक्ट

रेल मंत्री ने कहा कि फिलहाल जहां भी बुलेट ट्रेन चल रही हैं, उनमें से अधिकतर देशों में उन्होंने ट्रांसपोर्ट में 90 फीसदी तक हिस्सेदारी हासिल कर ली है। वहीं नवंबर, 2021 में भारत में बुलेट ट्रेन को लेकर काम शुरू होने के बाद से मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर लगातार प्रगति कर रहा है। वियाडक्ट का पहला किलोमीटर छह महीने में और 50वां अप्रैल, 2023 तक बनकर तैयार हो गया था। साथ ही इस कॉरिडोर में 8 नदियों पर पुल पहले ही बनाए जा चुके हैं। बता दें कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है। इसमें से केंद्र सरकार को 10 हजार करोड़ रुपये और गुजरात एवं महाराष्ट्र को 5000 करोड़ रुपये देने हैं। इसके अलावा प्रोजेक्ट की बाकी कॉस्ट जापान से 0.1 फीसदी ब्याज दर पर कर्ज के माध्यम से मिलने वाली है।

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