संबंधित खबरें
MahaKumbh:महाकुंभ में जाना हुआ महंगा, अचानक सात गुना बढ़ गए टिकटों के दाम, कीमत सुन उड़ जाएगी होश
Viral Video: ट्रेन के टॉयलेट में चाय वाले ने किया ऐसा काम, देख लोगो ने कहा-चाय पीना छोड़ दूंगा
Pushpak Express Train Accident: कैसे काम करता है रेलवे का रेस्क्यू सिस्टम? हादसे वाली जगह पर तुरंत कैसे पहुंच जाता है बचाव दल?
मुगलकाल का सबसे अय्याश बादशाह, जो अपने हरम में रखता था किन्नर, मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली बूटियां खाकर करता था ऐसा काम…
IIT वाले बाबा ने कर ली शादी, चौंका देगा सिंदूर वाला वीडियो, खुद किया अपने जीवनसाथी के नाम का खुलासा
चारों तरफ मौत की चीखें…अधकटी लाशें, जलगांव में ट्रेन से कूदने वालों का हुआ ऐसा हाल, सामने आया खौफनाक वीडियो
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Railway Officials) : रेलवे ने अपने अधिकारियों की मल्टी सोर्स फीडबैक तैयार करने का निर्णय लिया है। रेलवे ने यह निर्णय आईएएस, आईपीएस के लिए केद्र सरकार द्वारा लागू की गई 360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली से अनुकरण कर ली है। इस नियमानुसार अब रेलवे के जूनियर अधिकारी अपने रिपोर्टिंग अधिकारी के कामकाज का मूल्यांकन करेंगे। इसके साथ ही समकक्ष अधिकारी भी एक-दूसरे के कामकाज का मूल्यांकन करेंगे।
इसे लेकर रेलवे ने बाकायदा सूचना पत्र जारी कर दिया है। रेलवे ने अपनी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करते समय अधिकारियों की मल्टी सोर्स फीडबैक तैयार करने का निर्णय लिया है।
अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष रिपोर्टिंग प्राधिकारी और संबंधित सभी अधीनस्थों को एक लिंक भेजेगा। उक्त फीडबैक को अधिकारी के डेटा बेस में गुमनाम रूप से दर्ज किया जाएगा। फीडबैक की जानकारी पूरी तरह गोपनीय होगी। अधिकारियों के एक वर्ग का मानना है कि इस एपीएआर प्रणाली से भारतीय रेलवे में कार्य करने के तरीके में काफी बदलाव आएगा। इसके साथ ही कुछ अधिकारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति भी होगी। एक अधिकारी ने बताया कि इस एपीएआर से करीब 20,000 अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे। जिनके कार्याें का मूल्यांकन किया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस नियम के तहत रेल अधिकारियों के साथ काम करने वाले ठेकेदारों और विक्रेताओं सहित गैर-रेलवे व्यक्तियों से भी उनकी राय ली जाएगी। सूत्रों के अनुसार फीडबैक दर्ज होने के बाद तीन या चार सदस्यीय समिति यह निश्चित करेगी कि अधिकारी को पदोन्नत किया जाए या नहीं। अधिकारियों ने बताया कि अधिकारियों के लिए यह सिस्टम मौजूद है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि समिति के सदस्यों का मूल्यांकन कौन करेगा।
गौरतलब है कि कई अधिकारियों ने इस बदलाव पर भी प्रश्न उठाए है। रेलवे ने आठ कैडर वाली भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा बनाई है। जिसके तहत रेलवे बोर्ड के महाप्रबंधक या अध्यक्ष बनने के नियमों में बदलाव किया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य कार्य करने के तौर तरीकों में बदलाव के साथ ही उसमें पारदर्शिता लाना है।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में नरेंद्र मोदी सरकार ने 360-डिग्री मूल्यांकन प्रणाली शुरू की थी। इस नियम के अनुसार, वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) एक विशेषज्ञ पैनल की प्रस्तुतियों पर आधारित है। जो सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के अलावा अधिकारियों के पूर्ण सेवा रिकॉर्ड और पिछली सभी वार्षिक रिपोर्टों की समीक्षा करेगा। इस प्रक्रिया के दौरान विशेषज्ञों का एक पैनल उम्मीदवार के सहयोगियों-वरिष्ठ और कनिष्ठ कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों के विचारों का मूल्यांकन कर कदम उठाने का प्रावधान है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.