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India News (इंडिया न्यूज), Rain fury in Uttarakhand: इस वक्त मौसम का जैसा हाल उसमें सभी लोगों को पहाड़ी राज्यों में जानें से बचने के लिए आगाह किया जा रहा है। ऐसे में बुधवार रात को भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग जिले में मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए बचाव और राहत कार्य जारी है। उत्तराखंड पुलिस के अनुसार, गुरुवार तक हेलीकॉप्टर से 737 लोगों को बचाया गया और कम से कम 2,670 लोगों को राहत बलों द्वारा सोनप्रयाग पहुंचाया गया। इसकी जानकारी उत्तराखंड पुलिस की ओर से एक्स पर दी गई है।
उत्तराखंड पुलिस ने अपने आधिकारिक हैंडल पर पोस्ट किया, “श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों का बचाव कार्य जारी है। पूरे दिन हेलीकॉप्टर से 737 यात्रियों को बचाया गया।” पोस्ट में लिखा है, “2,670 यात्रियों को सोनप्रयाग पहुंचाया गया। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला पुलिस और प्रशासन की टीमें निस्वार्थ भाव से श्रद्धालुओं की मदद कर रही हैं।”
इससे पहले उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने राज्य में भारी बारिश के बाद राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी दी और राज्य के लोगों तथा यात्रियों से सतर्क रहने तथा अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की अपील की।
टिहरी और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी बारिश के बीच उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने गुरुवार को जानकारी दी कि मौसम की स्थिति के कारण केदारनाथ यात्रा दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई है और 12 एनडीआरएफ के साथ-साथ 60 एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं। इस अलर्ट के मद्देनजर पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया था। कल रात से बारिश शुरू होने के बाद हमें विभिन्न इलाकों से भूस्खलन, चट्टान गिरने आदि की खबरें मिलनी शुरू हो गईं।”
“राहत और बचाव के लिए कई स्थानों पर टीमें भेजी गई हैं। मुख्यमंत्री ने टिहरी और रुद्रप्रयाग का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की। अब तक विभिन्न जिलों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 8 गंभीर रूप से घायल हैं। सुबह तक केदारनाथ में करीब 1000 लोग फंसे हुए थे और केदारनाथ के पैदल मार्ग पर 800 लोग फंसे हुए थे।” उन्होंने कहा, “मौसम की चेतावनी के कारण हमने अगले दो दिनों के लिए यात्रा स्थगित कर दी है। हमने यमुनोत्री और केदारनाथ पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी है। राज्य सरकार ने केदारनाथ में फंसे लोगों को निकालने के लिए वायुसेना की मदद ली है। एनडीआरएफ, आईएनएस की 12 टीमें और एसडीआरएफ की 60 टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं।”
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गुरुवार को टिहरी और रुद्रप्रयाग में बारिश से प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। बुधवार रात को राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई भारी बारिश से सड़कों, पैदल पुलों, बिजली और पेयजल लाइनों के साथ ही कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचा है।
आपदा की सूचना मिलते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी रात से ही सक्रिय हो गए और रात में ही राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर राज्य भर में भारी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए। केदारनाथ पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर केदारनाथ यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है।
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