India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan, कोटा: राजस्थान के कोटा में छात्रों के बीच बढ़ती आत्महत्या के मामलों के बीच, जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से दो महीने के लिए कोचिंग सेंटरों पर परीक्षण और परीक्षाओं पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं। कोटा (Rajasthan) जिला प्रशासन ने मानसिक सहायता की आवश्यकता का हवाला देते हुए परीक्षण और परीक्षाओं पर दो महीने के लिए रोक लगा दी।

  • बीते दिनों एक छात्र ने की आत्महत्या
  • दी महीने की तत्कल रोक
  • डीएम ने जारी किया आदेश

प्रशासन की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि अध्ययनरत/आवासीय छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए, कोटा में संचालित सभी कोचिंग संस्थानों में समय-समय पर आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं पर अगले दो महीनों के लिए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

इस साल का 23वां मामला

यह आदेश रविवार को एनईईटी (राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा) के एक अभ्यर्थी की कथित तौर पर आत्महत्या से मौत के बाद आया, जो इस साल इस तरह का 23वां मामला है। पुलिस के अनुसार, 16 वर्षीय छात्र, जो स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए NEET की तैयारी कर रहा था, उसने रविवार को कोटा के एक कोचिंग संस्थान में कथित तौर पर अपनी जान ले ली।

छठी मंजिल से कूदा

छात्र की पहचान महाराष्ट्र के आविष्कार के रूप में हुई, जिसकी इमारत की छठी मंजिल से कूदने के बाद मौत हो गई। वह 12वीं कक्षा का छात्र था और अपने नाना-नानी के साथ रहता था। परीक्षा हॉल से बाहर निकलने के बमुश्किल पांच मिनट बाद उसने आत्महत्या कर ली। इस महीने की शुरुआत में, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छात्रों के बीच बढ़ती आत्महत्या के मामलों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था और उसे जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था।

13 हजार छात्रों ने की आत्महत्या

एनसीआरबी के अनुसार, साल 2021 में लगभग 13,000 छात्रों की आत्महत्या से मृत्यु हो गई। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 1,834 आत्महत्याएं दर्ज की गईं, इसके बाद मध्य प्रदेश 1308 छात्रों ने एमपी में आत्महत्या की। वही तमिलनाडु में 1,246 पर, कर्नाटक में 855 और ओडिशा में 834 छात्रों ने अपनी जान ली। यह एक ऐसी समस्या है जिसे सामूहिक प्रयास से ही हल किया जा सकता है।

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