होम / देश / राज्यसभा चुनाव परिणामों ने बढ़ाया सीएम का कद, गहलोत अब करेंगे खुलकर फैसले

राज्यसभा चुनाव परिणामों ने बढ़ाया सीएम का कद, गहलोत अब करेंगे खुलकर फैसले

PUBLISHED BY: Sameer Saini • LAST UPDATED : June 11, 2022, 1:14 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

राज्यसभा चुनाव परिणामों ने बढ़ाया सीएम का कद, गहलोत अब करेंगे खुलकर फैसले

Ashok Gehlot

अजीत मैंदोला, Rajasthan Rajya Sabha Election Results : राज्यसभा की तीनों सीटे जितवाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आने वाले दिनों में अब खुलकर फैसले कर सकेंगे। यह भी अब तय हो गया है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति से लेकर प्रत्याशियों के चयन में भी गहलोत की ही प्रमुख भूमिका होगी। उन्होंने फिर साबित किया कि उन्हें यूं ही नही कहा जाता राजनीति का चाणक्य। अब राज्यसभा के चुनावों ने उनके ऊपर से सभी तरह के दबाव हटा दिए हैं। अभी तक का उनका साढ़े तीन साल का कार्यकाल पूरी तरह से दबाव वाला रहा।

विरोधियो ने उठाए सवाल

पार्टी के नेताओं ने उनको हटाने से लेकर तमाम तरह के दबाव उन पर लगातार बनाये हुए थे। आये दिन मीडिया से यही दबाव बनाया जाता था कि गहलोत पर संकट है। इसके बाद भी गहलोत ने चुपचाप अपनी सरकार को बचाने के साथ साथ राजनीतिक फैसलों विधायकों और मंत्रियों को साध कर रखा। हालांकि उनके विरोधियो ने देरी से की गई राजनीतिक नियुक्तयो को लेकर तमाम सवाल उठाए, लेकिन पार्टी में अंदरखाने चल रही खींचतान को साधने का यही तरीका था।

राज्यसभा चुनाव तक विधायकों को एक जुट रखना बड़ी चुनोती थी। यह दूसरी ऐसी बड़ी चुनोती थी जिसमें जरा सी भी चूक होने पर विरोधी गहलोत की खिलाफत में जुट जाते। इससे पूर्व पहली बड़ी चुनोती उनके सामने खुद की सरकार बचाने की आई थी,जिसे उन्होंने बड़ी चतुराई से निपटा।

Gehlot

अंदुरुनी राजनीति को लेकर सवाल उठने लाजमी

हालांकि इस बार उनके विरधियो को उम्मीद नही थी कि गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे विधायकों को साधने के साथ साथ बीजेपी खेमे में भी सेंध लगा देंगे। फजीहत के बाद क्रास वोटिंग करने वाली विधायक शोभारानी को बीजेपी ने निष्कासित तो कर दिया।

लेकिन इससे बीजेपी की अंदुरुनी राजनीति को लेकर सवाल उठने लाजमी हैं। राजस्थान बीजेपी की गुटबाजी यूँ भी जगजाहिर है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे उनके समर्थकों ओर प्रदेश इकाई के नेताओ के बीच आलाकमान लंबे समय से तालमेल बिठाने की कोशिश करता रहा है। लेकिन बीच बीच मे गुटबाजी उजागर होती रही है। बीजेपी जैसी ताकतवर पार्टी में सेंध बहुत आसान नही है।

संकट के समय हमेशा गांधी परिवार के साथ रहे गहलोत

लेकिन गहलोत ने साबित किया कि वह हैं तो सब मुमकिन हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने पार्टी में अपने विरोधियों को अपने तरीके से साधा। गहलोत संकट के समय हमेशा गांधी परिवार के साथ खुलकर खड़े हुए। पांच राज्यों में हुई करारी हार के बाद जब गांधी परिवार के नेतृत्व को लेकर पार्टी में फिर सवाल उठे तो वे सबसे पहले खुलकर सामने आये और विरोधियों को चेताया कि गांधी परिवार ही नेतृत्व करेगा।

उसके बाद संकल्प शिविर का आयोजन अपने राज्य उदयपुर में करवा गांधी परिवार के खिलाफ बोलने वालों की बोलती बंद करवा दी। संकल्प शिविर से दो सन्देश गये एक तो कांग्रेस में गांधी परिवार को कोई चुनोती नही है। दूसरा राजस्थान में गहलोत ही सर्वमान्य नेता हैं।

Gehlot Government

गहलोत की खिलाफत करके नही हो सकती राजस्थान में राजनीति

विरोधियों को यह तगड़ा सन्देश था। उसके बाद पार्टी में हालात पूरी तरह से बदल गए। गांधी परिवार के खिलाफ सवाल उठने बन्द हो गए। गहलोत विरोधियों को भी समझ मे आ गया कि राजस्थान में राजनीति गहलोत की खिलाफत करके नही हो सकती। इसलिये राज्यसभा चुनाव में पार्टी पूरी तरह से एक जुट दिखाई दी।

निर्दलीय से लेकर समर्थन दे रहे दूसरे दलों के विधायकों पर भी गहलोत का जादू सिर चढ़ कर बोला। उसी का परिणाम रहा कि मुकुल वासनिक,रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी आसानी से जीते। यही वजह रही कि बीजेपी समर्थक निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा ने परिणाम से पहले ही हार स्वीकार ली।

Gehlot Government Rajasthan

गहलोत जल्द कर सकते हैं चौकाने वाले बदलाव

अब इन परिणामो के बाद गहलोत अपने मंत्रिमंडल में अपने हिसाब से कुछ चौकाने वाले बदलाव कर सकते है। साथ ही बची हुई राजनीतिक नियक्तियों में उन नेताओं को इनाम दे सकते हैं जो लगातार साथ खड़े रहे। गहलोत की अब यही कोशिश रहने वाली है जैसे भी हो अगले चुनाव में प्रदेश में सरकार रिपीट करवाई जाये।

कई जनहित के फैसले कर वह संकेत दे चुके हैं कि इस बार उनसे कोई चूक नही होगी। अभी तक के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री गहलोत के खुद के खिलाफ कोई नाराजगी आम जन में नही है। मंत्रियों और विधायकों को लेकर जरूर शिकायतें हैं जिन पर वह अब खुलकर एक्शन ले सकते हैं।

पहले की तरह नेता विधायक उनको अब आंखे नही दिखा पाएंगे। अब तक जब भी संकट आया प्रदेश के एक नेता धर्मेंद्र राठौर उनके हनुमान बन कर उभरे हैं। हालांकि गहलोत के ओर करीबी पुखराज पराशर,राजीव अरोड़ा जैसे नेता भी सक्रिय रहते रहे हैं,लेकिन राठौर नाराज नेताओं को मनाने के लिये हनुमान बन कर पहुंचते और नाराजगी दूर करके आते। राज्यसभा चुनाव में भी कुछ विधायकों ने नाराजगी दिखाई तो राठौर ने उनके पास पहुंच मामला संभाला।

ये भी पढ़े : हरियाणा राज्यसभा चुनाव में कार्तिकेय शर्मा की जीत, कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन को हराया

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

हमारे साथ जुड़ें :  TwitterFacebook | YouTube

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

गजब है पाकिस्तान…, एयरस्ट्राइक कर अपने ही बच्चों और महिलाओं को मारा! तालिबानियों ने भी पीट लिया माथा
गजब है पाकिस्तान…, एयरस्ट्राइक कर अपने ही बच्चों और महिलाओं को मारा! तालिबानियों ने भी पीट लिया माथा
UP News: किसानों की गांधीगीरी… सड़क पर बैठकर अफसरों को सुनाई खूब खरी-खोटी
UP News: किसानों की गांधीगीरी… सड़क पर बैठकर अफसरों को सुनाई खूब खरी-खोटी
Today Horoscope: इस 1 राशि की किस्मत में लिखा है आज बड़ा बदलाव, तो इन 3 जातकों को मिलेगा उनका बिछड़ा प्यार, जानें आज का राशिफल
Today Horoscope: इस 1 राशि की किस्मत में लिखा है आज बड़ा बदलाव, तो इन 3 जातकों को मिलेगा उनका बिछड़ा प्यार, जानें आज का राशिफल
Indore: कार और बस के बीच भीषण टक्कर, 5 की मौत, 15 से ज्यादा घायल
Indore: कार और बस के बीच भीषण टक्कर, 5 की मौत, 15 से ज्यादा घायल
आज होगा आनंद विहार-अप्सरा बार्डर फ्लाईओवर का उद्घाटन, 2 हिस्सों में ट्रैफिक बंटने से जाम की समस्या होगी समाप्त
आज होगा आनंद विहार-अप्सरा बार्डर फ्लाईओवर का उद्घाटन, 2 हिस्सों में ट्रैफिक बंटने से जाम की समस्या होगी समाप्त
दिल्ली में कांग्रेस की दूसरी लिस्ट जारी, अब तक 47 नामों का एलान
दिल्ली में कांग्रेस की दूसरी लिस्ट जारी, अब तक 47 नामों का एलान
अरविंद केजरीवाल की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से करने पर गरमायी सियासत,अवध ओझा ने उदाहरण देकर कारण भी बताया
अरविंद केजरीवाल की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से करने पर गरमायी सियासत,अवध ओझा ने उदाहरण देकर कारण भी बताया
पुलिस हिरासत में रेप के आरोपी की मौत पर परिजनों का भड़का गुस्सा, जानें क्या है पूरा मामला
पुलिस हिरासत में रेप के आरोपी की मौत पर परिजनों का भड़का गुस्सा, जानें क्या है पूरा मामला
Gaya: क्रिसमस या न्यू ईयर पर बोधगया घूमने आ रहे हैं तो हो जाइए सावधान! ‘सुरक्षा व्यवस्था अपडेट और अपग्रेड की गई है’
Gaya: क्रिसमस या न्यू ईयर पर बोधगया घूमने आ रहे हैं तो हो जाइए सावधान! ‘सुरक्षा व्यवस्था अपडेट और अपग्रेड की गई है’
पहाड़ों की रानी शिमला में विंटर कार्निवल शुरू, जानें CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्या कहा?
पहाड़ों की रानी शिमला में विंटर कार्निवल शुरू, जानें CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्या कहा?
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया ये बड़ा अपडेट, 3 दिन में सारे रास्ते बहाल करने का टारगेट, खदराला में सबसे अधिक 24.0 सेंटीमीटर बर्फ
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया ये बड़ा अपडेट, 3 दिन में सारे रास्ते बहाल करने का टारगेट, खदराला में सबसे अधिक 24.0 सेंटीमीटर बर्फ
ADVERTISEMENT