संबंधित खबरें
2014 के बाद से इन दो बिलों को भेजा गया JPC के पास, क्या है इसके पीछे की वजह?
CM Yogi को गंदी बातें बोलने वाला सिरफिरा निकला ‘दीदी’ का फैन, पुलिस देगी ऐसी सजा याद रखेंगी 7 पुश्तें
भीमराव अंबेडकर पर छिड़ा विवाद पर मोदी सरकार और कांग्रेस आमने सामने,इस्तीफ़े की कांग्रेस ने की मांग
क्या उद्धव छोड़ेंगे कांग्रेस का हाथ? देवेंद्र फडणवीस ने चली ऐसी चाल, मुंह ताकते रह गए राहुल गांधी
2016 में सुर्खियों में आया..फिर रची दिल्ली के तबाही की साजिश! जानें कौन है उमर खालिद
‘तुम कायर हो!’ अमित शाह की किस बात पर राज्यसभा में भड़क उठे मल्लिकार्जुन खड़गे? सुनकर माथा पीट लेंगे
India News (इंडिया न्यूज़), Rajkot Gaming Zone Tragedy: राजकोट पुलिस ने गुरुवार को 25 मई को टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग के सिलसिले में एक टाउन प्लानिंग अधिकारी (टीपीओ) समेत चार सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया। बता दें, इस आग में 27 लोगों की मौत हो गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि टीपीओ एमडी सागथिया, सहायक टीपीओ मुकेश मकवाना और गौतम जोशी तथा कलावड़ रोड फायर स्टेशन के पूर्व स्टेशन अधिकारी रोहित विगोरा को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही हिरासत में लिए गए लोगों की कुल संख्या नौ हो गई है। राज्य के पुलिस महानिदेशक विकास सहाय ने पुष्टि की कि “चार सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।”
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, “गेम जोन को आवश्यक मंजूरी के बिना संचालित करने की अनुमति देने में घोर लापरवाही” के आरोप में घटना के सिलसिले में नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें जोशी, विगोरा, राजकोट के मुख्य अग्निशमन अधिकारी आईवी खेर, उनके डिप्टी बीजे थेबा, राजकोट नगर निगम के टाउन प्लानिंग विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, सड़क एवं भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एमआर सुमा और पारस कोठिया तथा पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और एनआई राठौड़ शामिल हैं। आग की त्रासदी के बाद तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजू भार्गव सहित तीन आईपीएस अधिकारियों को शहर से बाहर भेज दिया गया था।
गुरुवार को गुजरात सरकार द्वारा घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुभाष त्रिवेदी ने गांधीनगर में राज्य पुलिस मुख्यालय में पूर्व अग्निशमन प्रमुख खेर से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। संयोग से, श्री खेर ने पहले खुलासा किया था कि गेम जोन अनिवार्य अग्नि एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के बिना चल रहा था, क्योंकि प्रबंधन ने इसके लिए कभी आवेदन ही नहीं किया था।
सोमवार को गुजरात उच्च न्यायालय ने गेम जोन में आग लगने की घटना को लेकर राजकोट नगर निकाय पर कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि उसे राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं है, जो निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद ही कार्रवाई करती है। उच्च न्यायालय ने राजकोट नगर निगम से पूछा था कि क्या उसने अपने आसपास बन रहे इतने बड़े ढांचे पर आंखें मूंद ली हैं, जबकि नगर निकाय के वकील ने दलील दी थी कि शहर के नाना-मावा इलाके में स्थापित टीआरपी गेम जोन ने अपेक्षित अनुमति नहीं ली थी। इस त्रासदी के लिए गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में टीआरपी गेमिंग जोन के चार मालिक और एक प्रबंधक शामिल हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.