इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली, (Rajnath On Tawang Clash): अरुणाचल प्रदेश में तवांग के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत व चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर आज संसद में जोरदार हंगामा हुआ। दरअसल, विपक्ष के सदस्य मामले पर सदन में चर्चा के अलावा प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से इस मुद्दे पर बयान देने की मांग कर रहे थे। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें आश्वस्त किया कि रक्षा मंत्री मामले पर सदन में बयान देंगे, इसके बाद बावजूद विपक्षी दोनों सदनों में हंगामा करते रहे जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। दोबारा जब कार्यवाही शुरू हुई तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मामले पर बयान दिया।
चर्चा के लिए इन्होंने दिया था नोटिस
कांग्रेस सांसदों रणदीप सिंह सुरजेवाला, रंजीत रंजन व शक्तिसिंह गोहिल के अलावा राजद सांसद मनोज झा और आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने तवांग झड़प पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन आफ बिजनेस नोटिस दिया था। वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया था। इसी के साथ कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने शॉर्ट नोटिस दिया था।
अमित शाह ने की हंगामे की कड़ी निंदा
अमित शाह ने विपक्ष के हंगामे की कड़ी निंदा की। गृह मंत्री ने बताया कि उन्होंने विपक्ष के सदस्यों से कहा था कि रक्षा मंत्री संसद में भारत-चीन की सेना के बीच हुई झड़प पर बयान देंगे फिर भी उन्होंने संसद को बाधित किया। यह चीन पर कांग्रेस का दोहरा रवैया है और मैं इस कृत्य की निंदा करता हूं। उन्होंने कहा, भारत की एक इंच जमीन पर कोई कब्जा करने की हिमाकत नहीं कर सकता। हमारे जवानों ने आठ की रात को और नौ दिसंबर की सुबह को जो वीरता दिखाई है, इसकी मैं प्रशंसा करता हूं।
हर चुनौती को विफल करने के लिए सेना प्रतिबद्ध
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर राजनाथ ने अपने बयान में कहा, मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि तवांग में हुई झड़प में हमारा एक भी जवान न तो गंभीर तौर पर जख्मी हुआ है और न ही शहीद हुआ है। उन्होंने कहा, हमारे जवान देश की सीमा की सुरक्षा करने और सीमा की सुरक्षा को चुनौती देने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
चीनी सैनिकों को वापस जाने के लिए मजबूर किया
रक्षा मंत्री ने बताया कि नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में पीएलए के सैनिकों ने अतिक्रमण किया और यथास्थिति को बदलने की उन्होंने कोशिश की, लेकिन हमारे हमारे जवानों ने वीरता दिखाते हुए उन्हें अपने क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और अपनी पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर किया।
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