India News (इंडिया न्यूज़), Ashok Gehlot, जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय ने शनिवार को मुख्यमंत्री (सीएम) अशोक गहलोत को नोटिस जारी किया और उनके बयान पर (Ashok Gehlot) सफाई मांगी है। अशोक गहलोत ने एक बयान न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। गहलोत के इस बयान पर कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग के साथ एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इसपर उनसे जवाब मांगा गया था।

  • तीन सप्ताह में जवाब मांगा
  • याचिका दाखिल हुई थी
  • अदालतों को बदनाम करने का उद्देश्य

न्यायमूर्ति मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने कहा कि सीएम द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से न्यायपालिका के खिलाफ हैं और प्रथम दृष्टया अदालतों को बदनाम करते प्रतीत होते हैं।

तीन सप्ताह में जवाब मांगा गया

अदालत ने कहा कि हम समाचार पत्र की रिपोर्ट के आधार पर इस याचिका में दिए गए बयान के संबंध में प्रतिवादी की प्रतिक्रिया मांगने के इच्छुक हैं। इसलिए, याचिका पर जवाब देने के लिए सीएम को तीन सप्ताह का समय दिया गया। अधिवक्ता शिव चरण गुप्ता द्वारा दायर याचिका के अनुसार, न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के संबंध में 31 अगस्त को दिए गए गहलोत के बयान जानबूझकर न्यायपालिका को बदनाम करने के समान हैं।

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