India News(इंडिया न्यूज),Rajya Sabha polls 2024: मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों में क्रॉस वोटिंग को लेकर चिंता लगातार बढ़ रही है। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, कांग्रेस शासित दो राज्यों की तीन सीटों और उत्तर प्रदेश की एक सीट पर कड़ा मुकाबला है। जहां जानकारी ये सामने आ रही है कि, विपक्षी विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग की पूरी संभावना है, जिस पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी कड़ी नजर रख रही है। वहीं अब तीसरे राज्य कर्नाटक की करें तो, सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अनुचित प्रभाव को रोकने के लिए अपने विधायकों को “सुरक्षित घर” में भेज दिया है
हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ रही क्रॉस वोटिंग की चिंता को लेकर भाजपा ने कान खड़े कर लिए है। वहीं इस वाक्या पर बयान जारी करते हुए कहा कि, ये उपाय इतने कठोर नहीं थे। वहां सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपनी एकमात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है। जिसको लेकर भाजपा ने नाराजगी व्यक्त की है। जानकारी के लिए बता दें कि, उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का इस बीच कहना है कि सब कुछ ठीक है, हालांकि सूत्रों का कहना है कि पार्टी के कम से कम 10 विधायक क्रॉस वोटिंग के लिए तैयार हैं।
इसके साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा और सपा के पास सात और तीन सदस्यों को निर्विरोध राज्यसभा भेजने का आंकड़ा है। लेकिन भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में पूर्व सपा सदस्य और उद्योगपति संजय सेठ को मैदान में उतारकर दांव बढ़ा दिया। निर्वाचित होने के लिए, राज्य के एक उम्मीदवार को लगभग 37 प्रथम वरीयता वोटों की आवश्यकता होती है। बीजेपी के नेताओं ने दावा किया है कि सपा के कम से कम 10 विधायक उनके संपर्क में हैं।
वहीं ये चुनाव हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई होने की उम्मीद है, जिन्होंने पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की कमान संभाली थी। 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों को नए सदस्य मिलने थे, जिनमें से 41 पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। बाकी सीटों पर आज सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी. मतगणना शाम 5 बजे शुरू होगी और देर शाम तक नतीजे आने की उम्मीद है।
सपा ने अभिनेता-सांसद जया बच्चन, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है। इस निर्णय ने स्पष्ट रूप से अपने सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) नेता पल्लवी पटेल को अलग-थलग कर दिया है, जिन्होंने पहले कहा था कि वह मतदान नहीं करेंगी क्योंकि वह सुश्री बच्चन और श्री रंजन को मैदान में उतारने के निर्णय से सहमत नहीं हैं। जहां संख्याबल ने कर्नाटक की तीन सीटों में से चार पर कांग्रेस के लिए आसान जीत सुनिश्चित की थी, वहीं भाजपा-जनता दल सेक्युलर गठबंधन ने दूसरा उम्मीदवार उतारकर स्थिति को बिगाड़ दिया। यदि चार उम्मीदवार थे, तो प्रत्येक को जीतने के लिए 45 वोटों की आवश्यकता थी, लेकिन अधिक उम्मीदवारों के मामले में, वरीयता वोट मिलते हैं।
कांग्रेस के पास 134 विधायक हैं, भाजपा के पास 66 और जद (एस) के पास 19 विधायक हैं, जबकि अन्य के पास चार विधायक हैं। चार में से, कांग्रेस दो निर्दलीय और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के दर्शन पुत्तनैया के समर्थन का दावा करती है, और तीन सीटें जीतने को लेकर आश्वस्त है। सोमवार को कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को एक होटल में स्थानांतरित कर दिया, जिससे राज्य की ट्रेडमार्क रिसॉर्ट राजनीति की शुरुआत हुई। आज होने वाले चुनाव से पहले सभी पार्टियों ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है।
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