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India News (इंडिया न्यूज), MP Kartikeya Sharma: राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने मैट्रिक पूर्व, मैट्रिकोत्तर और योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्तियों की स्थिति को लेकर अल्पसंख्यक कार्य मंत्री से तीन अहम सवाल पूछे हैं। अल्पसंख्यक छात्रों के लिए वर्तमान में उपलब्ध सभी मैट्रिक पूर्व, मैट्रिकोत्तर और योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्तियों का राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार ब्यौरा क्या है। क्या सरकार ने उक्त छात्रवृत्तियां प्राप्त करने वाले अल्पसंख्यक छात्रों के वृत्तिक विकास का कोई मूल्यांकन किया है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। छात्रवृत्तियां प्रदान करते समय अल्पसंख्यक छात्रों के सभी वर्गों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं और तत्संबंधी व्यौरा क्या है?
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय केंद्रीय रूप से अधिसूचित छह (6) अल्पसंख्यक समुदायों अर्थात बौद्ध, ईसाई, जैन, मुस्लिम, पारसी और सिख के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है, जिसमें विभिन्न शैक्षिक सशक्तीकरण योजनाएं भी शामिल हैं। मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति योजना, कक्षा IX-X के लिए, मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना- कक्षा XI से पीएचडी तक और मेरिट-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति योजना स्रातक/स्रातकोत्तर स्तर पर तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए। ये छात्रवृत्ति योजनाएं देश भर के सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक रूप से वंचित छात्रों के लिए लागू की जाती हैं।
संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या के आधार पर आनुपातिक रूप से किया जाता है। मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक छात्रों को स्रातक/नातकोत्तर स्तर पर उच्च शिक्षा और व्यावसायिक तथा तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करना, उच्च शिक्षा में उनकी उपलब्धि दर में वृद्धि करना तथा उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाना है। इसके अलावा हाल ही में नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER), दिल्ली द्वारा किए गए प्रभाव और मूल्यांकन अध्ययन में यह पाया गया है कि, स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में नामांकन बढ़ा है।
यह सुधार सबसे ज्यादा मुस्लिम समुदाय में दिखाई देता है। इन योजनाओं से बालिकाओं के नामांकन में वृद्धि करने में सहायता मिली है। तीनों प्रकार की योजनाओं में लाभार्थियों का एक महत्वपूर्ण अनुपात (80%) इस बात से सहमत है कि छात्रवृत्ति से उन्हें अपनी शिक्षा जारी रखने, नियमित उपस्थिति में सुधार करने तथा उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिली है। लगभग 70% लाभार्थियों का मानना है कि छात्रवृत्ति की राशि से उन्हें शिक्षा से संबंधित खर्चों का प्रबंधन करने में मदद मिली, जिसके कारण उनके परिवार आर्थिक रूप से तनाव-मुक्त महसूस करते हैं।
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