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India News (इंडिया न्यूज़), Ram Mandir: राम मंदिर में राम लला की ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ (प्रतिष्ठा समारोह) के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने पर बीजेपी ने तमिलनाडू की DMK सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जिस पर शिर्ष न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए निर्देश दिए कि राम मंदिर समारोह की स्क्रीनिंग अनुरोधों को अस्वीकार नहीं कर सकते है।
वहीं राज्य की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि प्राण प्रतिष्ठा समहारो के लिए स्क्रीनिंग आयोजित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। जिसके बाद कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की स्क्रीनिंग के लिए प्राप्त आवेदनों और अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णयों का डेटा बनाए रखने के लिए कहा है। जब राज्य ने बताया कि स्क्रीनिंग आयोजित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
बता दें कि सोमवार को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के सेधे प्रसारण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुबह 10:30 बजे याचिका पर सुनवाई की। वहीं भाजपा की राज्य इकाई के सचिव विनोज पी सेल्वम का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील जी बालाजी ने याचिका दायर की है।
जानकारी के अनुसार याचिका में कहा गया था कि “यह सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि DMK राजनीतिक दल द्वारा संचालित राज्य सरकार ने तमिलनाडु राज्य के सभी मंदिरों में अयोध्या में भगवान राम की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के शुभ अवसर के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है।” इसके अलावा याचिका में दावा किया गया कि, “राज्य सरकार ने इस शुभ अवसर पर सभी प्रकार की पूजा, अर्चना और अन्नदानम (गरीब भोजन) भजन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार द्वारा (पुलिस अधिकारियों के माध्यम से) शक्ति का ऐसा मनमाना प्रयोग संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।”
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