संबंधित खबरें
रास्ता भटक गई वंदे भारत एक्सप्रेस,जाना था कहीं और पहुंच गई कहीं और…मामला जान पीट लेंगे माथा
अजीत पवार का ‘भुजबल’ हुआ कम, भाजपा में शामिल होगा यह दिग्गज नेता! CM से मुलाकात के बाद मचा हड़कंप
'भारत नहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपिता थे महात्मा गांधी', इस मशहूर हिंदूस्तानी ने मचाया बवाल, तिलमिला गए सुनने वाले
‘किस हद तक गिरोगे कुमार विश्वास’ सोनाक्षी सिन्हा पर भद्दा कमेंट करके बुरा फंसे ‘युगकवि’! सुप्रिया श्रीनेत ने लताड़ा
PM Modi ने 71 हजार युवाओं को बांटें Appointment Letters, जानें, किन सरकारी विभागों में हुई बंपर भर्ती ?
18 साल की उम्र में उठा ली AK-47… जाने कैसे मिली यूपी पुलिस को तीनों आतंकियों की खबर, क्या थे ऑपरेशन के मुख्य पॉइंट्स?
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Repo Rate): बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए आरबीआई कई कदम उठा रहा है। इसी के तहत आज फिर से आरबीआई ने रेपो रेटे में इजाफा किया है। खास बात ये है कि इस साल मई के बाद से लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में इजाफा किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया, जिससे यह 4.90 फीसदी से बढ़कर 5.40 फीसदी हो गया है।
इससे पहले जून में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी की गई थी। वहीं आरबीआई ने देश की GDP ग्रोथ का अनुमान पहले की तरह 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। लगातार छठी बार महंगाई की दर आरबीआई की तय सीमा छह फीसदी से अधिक रही है। इससे पहले मई महीने में खुदरा महंगाई दर 7.04 थी। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय बैंक आरबीआई ने साल 2022-23 के लिए महंगाई दर के अनुमान को भी 5.7 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्वाभाविक रूप से वैश्विक आर्थिक स्थिति से प्रभावित हुई है। हम उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से जूझ रहे हैं। हमने वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 3 अगस्त तक 13.3 अरब अमेरिकी डॉलर के बड़े पोर्टफोलियो का प्रवाह देखा है।
मान लो किसी शख्स ने 7.55% के रेट पर 20 साल के लिए 30 लाख रुपए का हाउस लोन लिया है। उसकी लोन की ईएमआई 24,260 रुपए है। उसे इस दर से 20 साल में उसे 28,22,304 रुपए का ब्याज देना होगा। यानी, उसे 30 लाख के बदले कुल 58,22,304 रुपए चुकाने होंगे।
जानना जरूरी है कि रेपो रेट वो दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। वहीं जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते है जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है। यह फिलहाल 3.35 प्रतिशत है। जब रेपो रेट कम होते हैं तो बैंक भी ग्राहकों के लिए ब्याज दरों को कम करते हैं। इससे ईएमआई भी कम होती है। वहीं इसके उल्ट जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण ग्राहक के लिए कर्ज महंगा हो जाता है।
ये भी पढ़े : दिल्ली में इस दिन नहीं मिलेगी सीएनजी, पहले ही कर लें तैयारी
ये भी पढ़े : डालर के मुकाबले 3 पैसे मजबूती से खुला रुपया
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.