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Reserch on Aliens: ऑक्सीजन-हाइड्रोजन नहीं बल्कि इसपर आधारित है एलियंस की लाइफ, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

BY: Soumya Madaan • LAST UPDATED : September 27, 2023, 10:42 am IST
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Reserch on Aliens: ऑक्सीजन-हाइड्रोजन नहीं बल्कि इसपर आधारित है एलियंस की लाइफ, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

Reserch on Aliens

India News (इंडिया न्यूज़) Reserch on Aliens: दुनिया में एलियंस को लेकर कई तरह की बाते सामने आती है और उनकी उपस्तिथि पर तरह-तरह के स्टीडी किए जा रहें हैं। ऐसे ही एक स्टीडी फिर सामने आई है। स्टीडी में खुलासा हुआ है कि धरती पर रहने वाले लोगों से एलियन की जिंदगी काफी ज्यादा अलग है।इस स्टडी में एलियन के होने का पूरा समर्थन किया गया है। सांसइटिस्ट का मानना है कि केमिकल स्ट्रक्चर के बेस पर एलियन का होना सही है, लेकिन उनकी लाइफ पृथ्वी के जीवन से अलग है। पृथ्वी मे रहने वाला की लाइफ कार्बन के अलावा फॉस्फोरस, सल्फर, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन जैसे एलिमेंट पर अधारित है।

काफी समय से साइंटिस्ट रिसर्च करते रहे हैं कि क्या एलियन का लाइफ एकमिकल स्ट्रक्चर के आधार पर डवलप हो सकती है। सालों तक रिसर्चर्स ने यह अनुमान लगाया है कि क्या  “सिलिकॉन एलिमेंट” जीव विज्ञान के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में काम कर सकता है।

स्‍पेस डॉट कॉम को इंटरव्यू में दिया जवाब

स्‍पेस डॉट कॉम को दिए एक इंटरव्यू में विस्कॉन्सिन-मैडिसन यूनिवर्सटी के एक स्पेस साइंटिस्ट बेतुल काकर ने कहा, ‘इन संभावनाओं का पता लगाना महत्वपूर्ण है ताकि हमें यह पता चल सके कि केवल पृथ्वी पर लाइफ ही नहीं, बल्कि सभी प्रकार के लाइफ कैसे दिख सकते हैं।’  उन्होंने आगे कहा कि ‘ लाइफ की उत्पत्ति से जुड़े रिसर्चर्स द्वारा ऑटोकैटलिसिस पर ध्यान देने का एक प्रमुख कारण यह है कि प्रजनन जीवन की एक प्रमुख विशेषता। जीवन अधिक जीवन के निर्माण को उत्प्रेरित करता है। एक कोशिका दो कोशिकाओं का निर्माण करती है, जो चार और इसी तरह बन सकती हैं। जैसे-जैसे कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है, संभावित अंतःक्रियाओं की संख्या और विविधता बढ़ जाती है।’

रिसर्च में ये बात आई सामने

बता दें कि नई स्टडी में, शोधकर्ता एक ऑटोकैटलिसिस की खोज में थे, जो कार्बनिक यौगिकों से परे है। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतिक्रिया मौजूद हो सकती है क्योंकि ऑटोकैटलिसिस एबियोजेनेसिस को चलाने में मदद कर सकता है, जो निर्जीवता से जीवन की उत्पत्ति है। वैज्ञानिकों ने इस बात पर जोर दिया कि अनुपातिक चक्र के रूप में जाना जाता है जो एक अणु की कई प्रतियां बना सकता है।

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