संबंधित खबरें
24-29 दिसंबर तक अमेरिकी दौरे पर रहेंगे PM Modi के खास दूत, इन मुद्दों पर होने वाली है चर्चा, पूरा मामला जान थर-थर कांपने लगा चीन-पाकिस्तान
बारिश की वजह से दिल्ली में बढ़ी ठिठुरन, पड़ने वाली है हाड़ कंपा देने वाली ठंड, जानें कैसा रहेगा पूरे हफ्ते का मौसम?
जया प्रदा के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया वारंट,पूरा मामला जान उड़ जाएगा होश
रास्ता भटक गई वंदे भारत एक्सप्रेस,जाना था कहीं और पहुंच गई कहीं और…मामला जान पीट लेंगे माथा
अजीत पवार का ‘भुजबल’ हुआ कम, भाजपा में शामिल होगा यह दिग्गज नेता! CM से मुलाकात के बाद मचा हड़कंप
'भारत नहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपिता थे महात्मा गांधी', इस मशहूर हिंदूस्तानी ने मचाया बवाल, तिलमिला गए सुनने वाले
Restraint On Secretariat Move
इंडिया न्यूज़, श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर में सदियों से चली आ रही 149 साल पुरानी सचिवालय मूव की पंरपरा को खत्म कर दिया गया है। पहले जहां सर्दियों में जम्मू-कश्मीर का सचिवालय श्रीनगर से जम्मू स्थानांरित कर दिया जाता था। जिसके कारण करीब कार्यलय के 10 हजार कर्मचारियों को छह महीने के लिए श्रीनगर से जम्मू आकर रहना पड़ता था। अब वह कर्मचारी श्रीनगर में ही अपनी सेवाएं देंगे।
सरकार का मानना है कि दरबार मूव से हर साल करीब 200 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ता था। वहीं कर्मचारियों को भी दरबार मूव से परेशानी होती थी। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए करीब डेढ़ सौ साल पुरानी परंपरा को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
फैसले के विरोध में चैंबर आॅफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्रीज का एक दिवसीय बंद
दरबार मूव बंद करने के विरोध में चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने जम्मू में एक दिन के बंद का भी आह्वान किया है। सरकार के इस फैसले से जम्मू के कारोबारी नाखुश नजर आ रहे हैं। क्योंकि जम्मू के कारोबारियों को इससे नुकसान होने वाला है। क्योंकि दरबार जम्मू में आने से कारोबार में बढ़ौतरी होती थी जो अब नहीं हो पाएगी। बता दें कि प्रदेश के स्थानीय प्रशासन ने तीन दर्जन से ज्यादा विभागों के कार्यालयों के अभिलेखों का डिजिटलीकरण करवाया जा रहा था जो अब पूरा हो गया है। वहीं प्रशासन ने जून 2021 में दरबार मूव को बंद करते हुए आवास आवंटन भी रद्द कर दिए थे।
बता दें कि जम्मू कश्मीर ही देश का एकमात्र राज्य ऐसा है जिसकी दो राजधानियां हैं। गर्मियों में श्रीनगर और सर्दियों में सचिवालय जम्मू में शिफ्ट हो जाता था। दरबार मूव होने से राजभवन, हाई कोर्ट के मुख्य विंग, सचिवालय, पुलिस मुख्यालय, सार्वजनिक उपक्रम, निगम, बोर्ड और सरकारी विभागों को गर्मी में श्रीनगर और सर्दी में जम्मू स्थानांतरित किया जाता था। दरबार मूव होने के चलते जम्मू की उन सभी सड़कों पर पैसा खर्च करना पड़ता था, जिन मार्गों का इस्तेमाल गणमान्य करते होते हैं।
यही नहीं स्थानांतरित किए गए 10 हजार कर्मचारियों को अपना आशियाना बदलना पड़ता था। हालांकि इसके लिए सरकार कर्मचारियों को 25 हजार आवास भत्ता देती थी जो अब बंद हो जाएगा। वहीं भारी संख्या में सरकारी गाड़ियां और प्राइवेट ट्रक व अन्य वाहनों की सहायता लेनी पड़ती थी। और सरकारी राजस्व पर अतिरिक्त बोझ पड़ता था। ऐसे में साफ जाहिर है कि सरकार के इस फैसले से राजस्व की बचत होनी तो तय है।
Read More : Who is Malala Yousafzai’s Husband कौन हैं मलाला यूसुफजई के पति, क्या करते हैं वो, जाने सबकुछ
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.