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India News (इंडिया न्यूज), Retail Inflation in August 2024: 12 सितंबर (गुरुवार) को जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति पिछले पांच वर्षों के निचले स्तर 3.54 प्रतिशत से बढ़कर 3.65 प्रतिशत पर पहुंच गई है। अगस्त की मुद्रास्फीति दर पिछले पांच वर्षों में दूसरी सबसे कम है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए मुद्रास्फीति दर क्रमशः 4.16 प्रतिशत और 3.14 प्रतिशत रही है। अगस्त के लिए मुद्रास्फीति डेटा विज्ञापन खाद्य मुद्रास्फीति जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) का लगभग आधा हिस्सा है। अगस्त में ये बढ़कर 5.66% हो गई। जबकि पिछले महीने यह 13 महीने के निचले स्तर 5.42% पर थी।
इस उछाल के बावजूद मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की स्वीकार्य सीमा 2-6% के भीतर बनी हुई है। हालांकि यह अभी भी आरबीआई के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे है। जैसा कि गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेखांकित किया है। कमजोर रुपया और मानसून के जोखिम के कारण निकट भविष्य में मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर बनी रहने की संभावना है। अगस्त में सब्जियों की मुद्रास्फीति बढ़कर 10.71 प्रतिशत हो गई है, जो पिछले महीने 6.83 प्रतिशत थी। यह वृद्धि अनियमित मानसूनी बारिश के कारण फसल की पैदावार पर संभावित असर और बाद में कीमतों में वृद्धि की चिंताओं से जुड़ी है। दालों और अनाजों की मुद्रास्फीति दर क्रमशः 13 प्रतिशत और 7.31 प्रतिशत थी। ईंधन और प्रकाश के लिए अगस्त में मुद्रास्फीति दर -5.31 प्रतिशत थी। जबकि जुलाई में यह -3.66% थी। कपड़े और जूते के क्षेत्र में मुद्रास्फीति 2.72% थी, जबकि आवास क्षेत्र में मुद्रास्फीति दर 2.66% थी।
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इस साल जुलाई में माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन की वजह से देश की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सुस्त पड़कर 4.8 प्रतिशत पर आ गई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा जाने वाला कारखाना उत्पादन जुलाई, 2023 में 6.2 प्रतिशत बढ़ा था। इस साल जुलाई में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 4.8 प्रतिशत बढ़ा था। ऑफिशियल आंकड़ों से पता चलता है कि, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन जुलाई में 4.6 प्रतिशत बढ़ा है। जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 5.3 प्रतिशत बढ़ा था।
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