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भारत में तेज रफ्तार, नींद और नशा सड़क हादसों के मुख्य कारण

BY: Vir Singh • LAST UPDATED : September 7, 2022, 12:49 pm IST
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भारत में तेज रफ्तार, नींद और नशा सड़क हादसों के मुख्य कारण

तेज रफ्तार, नींद और नशा सड़क हादसों के मुख्य कारण

  • लापरवाही से गाड़ी चलाना भी रोज बन रहा जानलेवा

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Road Accidents In India): भारत में भी सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण तेज रफ्तार, नींद, नशा और लापरवाही से वाहन चलाना हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने जो हाल ही में रिपोर्ट जारी की है उससे भी यह बात साबित होती है।

हाल ही में हुई टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत का कारण भी वाहन की तेज रफ्तार था। गत रविवार को मुंबई के पालघर में दिन में करीब तीन बजे तेज रफ्तार उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई थी। मिस्त्री पिछली सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट भी नहीं पहनी थी।

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हादसों में होती हैं 11 फीसदी मौतें : एनसीआरबी

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर में होने वाले सड़क हादसों में 11 फीसदी मौतें हमारे देश में होती हैं। बीते वर्ष भारत में लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण 42,853 और तेज गति से वाहन चलाने की वजह से 87,050 लोगों की जान चली गई। एनसीआरबी की रिपोर्ट यह भी कहा गया है कि सबसे ज्यादा 38 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं दोपहर तीन बजे से रात नौ बजे के बीच होती हैं।

लंच के बाद लोगों को आती है नींद व सुस्ती : साइंटिस्ट सेनाथिपति

सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) के प्रमुख साइंटिस्ट वेलमुर्गन सेनाथिपति का कहना है कि भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है और यहां दोपहर में खाने के बाद लोगों को नींद के साथ ही सुस्ती आती है। हाईवे पर मामूली झपकी भी बड़े हादसे की वजह बन सकती है। उन्होंने कहा कि शाम को शराब पीकर वाहन चलाना भी हमारे देश में एक बड़ी समस्या है। इसी के साथ दिन ढलने और पूरी तरह रात होने के बीच हाईवे पर रोशनी कम होती है, जो हादसे का बड़ा कारण है।

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2021 में 2,40,828 हादसों की वजह लापरवाही व तेज रफ्तार

एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल यानी 2021 में शाम छह से नौ बजे के बीच 19.9 फीसदी हादसे हुए। इसी के साथ 17.6 फीसदी दुर्घटनाएं दोपहर में तीन से शाम छह बजे तक और 15.5 फीसदी सड़क हादसे दोपहर 12 से तीन बजे तक हुए।

कुल 4,03,116 हादसों में 59.7 फीसदी यानी 2,40,828 हादसे लापरवाही व तेज रफ्तार की वजह से हुए। इन कारणों से देश में 87,050 लोगों की मौत हो गई और 2,28,274 लोग जख्मी हुए। ओवरटेकिंग व खतरनाक ढंग से वाहन चलाने की वजह से 1,03,629 दुर्घटनाएं हुर्इं। इनमें देश में 42,853 लोगों की जान चली गई और 91,893 लोग जख्मी हो गए।

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मोबाइल का यूज भी हादसों का बड़ा कारण, हर घंटे 18 मौतें

पिछले पांच वर्ष में वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल भी जानलेवा बन रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार ड्राइविंग के दौरान मोबाइल के यूज की वजह से देश में लगभग 40 हजार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और यह संख्या हर साल बढ़ रही है।

दरअसल मोबाइल यूज करते समय व्यक्ति का रिएक्शन टाइम बढ़ जाता है और वह वाहन से नियंत्रण खो देता है। एनसीआरबी के अनुसार बीते वर्ष देश में 4.03 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख लोगों की मौत हो गई। यानी रोज औसतन 426 लोगों की मौत हुई। हर घंटे के हिसाब से 18 लोगों की मौत हर घंटे हुई।

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