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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
‘पांचजन्य’ साप्ताहिक पत्रिका में इन्फोसिस के खिलाफ छपे आर्टिकल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने खुद को परे कर लिया है और कहा है कि पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है। इस पत्रिका में प्रकाशित लेख, लेखक के अपने विचार हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इस लेख में दिए विचारों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। आएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारतीय कंपनी के नाते इन्फोसिस का भारत की तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान है। इन्फोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं लेकिन परंतु पांचजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख, लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं।
बता दें कि सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए इन्फोसिस से एक ई-फाइलिंग पोर्टल तैयार कराया है। लेकिन इस पोर्टल पर लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 23 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इन्फोसिस के सीईओ और एमडी तलब किया था और सब कुछ 15 सितंबर तक सही करने की डेडलाइन दी है।
भारतीय कंपनी के नाते इंफोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है।इंफोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं परंतु पान्चजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख,लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं,तथा पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है।@editorvskbharat
— Sunil Ambekar (@SunilAmbekarM) September 5, 2021
आपको बता दें कि पांचजन्य साप्ताहिक पत्रिका है जोकि आरएसएस से जुड़ी हुई है। इसमें साख और आघात शीर्षक से एक लेख छपा है, जिसमें बेंगलूरु की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस पर आरोप लगाया गया है कि वह जानबूझकर भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। इसमें कंपनी पर नक्सलियों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग की मदद करने का भी आरोप लगाया गया है।
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