इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Russia Accused Of Recruiting Child Soldiers: रूस और यूक्रेन युद्ध को लगभग दो माह होने (50 दिन से ज्यादा) को आ रहे हैं। लेकिन रूस अभी तक राजधानी कीव पर कब्जा नहीं कर पाया है। इस बात से रूस काफी बौखला गया है। बताया जा रहा है युद्ध में रूस के हजारों सैनिकों की मौत हो चुकी है। इसके बाद से रूस पर बच्चों को अपनी सेना में भर्ती करने का आरोप लगा है। तो आइए जानते हैं क्या रूस बच्चों को सेना में कर रहा भर्ती। इससे रूस को क्या होगा फायदा।
जानकारी के मुताबिक ये भर्तियां डोनेस्ट्क और लुहांस्क में हो रही हैं। बताया जा रहा है कि लुहांस्क और डोनेट्स्क के अधिकारी अवैध हथियारों के निर्माण के लिए रूसी पैट्रियोटिक क्लब में भाग लेने वाले बच्चों की लामबंदी कर रहे हैं।
आपको बता दें कि पहले भी रूसी सैनिकों पर बच्चों को ह्यूमन शील्ड की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय मुताबिक दुश्मन अपने काफिले, अपने वाहनों को पीछे ले जाते समय यूक्रेनी बच्चों को ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि बच्चों के माता पिता उनकी जानकारी यूक्रेनी सैनिकों को न दे सकें। रूसी सैनिकों पर लूटपाट और रेप जैसे आरोप लग चुके हैं।
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सेना में बच्चों को भर्ती करने का मकसद क्या ?
ह्यूमन राइट्स आॅर्गनाइजेशन ने आरोप लगाया है कि रूस 16 साल के बच्चों को सेना में भर्ती कर रहा है। बताया जा रहा है कि क्रेमलिन पूर्वी यूक्रेन में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के लिए बच्चों की भर्ती का सहारा ले रहा है। वहीं, यूक्रेन का कहना है कि बच्चों को सेना में भर्ती करना जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन करता है। यूक्रेन के अधिकारियों ने इस मामले की जांच की मांग की है।
क्यों बच्चों को दी जा रही ट्रेनिंग? (Russia Accused Of Recruiting Child Soldiers)
ह्यूमन राइट आर्गनाइजेशन अनुसार बच्चों को उनकी मर्जी के खिलाफ ट्रेनिंग दी जा रही है। जल्द ही उन्हें जंग के मैदान में भेजा जाएगा। ट्रेनिंग में उन्हें हथियार चलाना, मिलिट्री और डिफेंस टैक्टिक्स सिखाया जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ बच्चों को पहले ही लड़ाई में भेज दिया गया हो और वो जंग में अपनी जान गंवा चुके हों।
यूक्रेन ने उठाई जांच की मांग
यूक्रेनी संसद में मानवाधिकार आयुक्त ने कहा- वे (बच्चे) सैन्य प्रशिक्षण कर रहे हैं। इस दौरान कई किशोरों की मौत हो चुकी है। अब रूस बच्चों सहित नागरिकों की सेना में भर्ती को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसा करके रूस ने नागरिकों की सुरक्षा और बच्चों के अधिकारों को लेकर बनाए गए 1949 के जिनेवा कन्वेंशन के कानूनों का उल्लंघन किया है। बच्चों की सेना में भर्ती अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इसकी जांच होनी चाहिए। (Russia Accused Of Recruiting Child Soldiers)
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