इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Russia Ukraine War : जैसा कि आपको ज्ञात ही है कि पिछले करीब 28 दिनों से रूस और यूके्रन के बीच आपसी मतभेद को लेकर युद्ध चल रहा है। युद्ध का असर अब भारतीय सेना के अपग्रेडेशन पर भी दिखना शुरू हो गया है। क्योंकि भारतीय फाइटर जेट सुखोई के अपग्रेडेशन नहीं हो पा रहा है।
बता दें कि रूसी सुखोई-30 MKI को अपग्रेड किया जाना है लेकिन युद्ध के कारण रूस से पार्टस नहीं लाए जा पा रहे हैं। वहीं भारतीय सैन्य अधिकारियों का मानना है कि सुखोई-30 टङक को जल्द से जल्द अपग्रेड किए जाने की जरूरत है।
एक रिपोर्ट के अनुसार सुखोई फाइटर जेट को करीब 20 साल पहले वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। बाद में सुखोई 30 MKI भी आए जो कि पहले वाले जेट की तुलना में अधिक मारक थे।
इन सभी फाइटर जेट के स्पेयर पार्ट्स रूस से ही आते हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह से अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं, ऐसे में रूस से स्पेयर पार्ट्स आने में देरी हो सकती है।
रूस से हर साल करीब 6 हजार करोड़ रुपये के स्पेयर पार्ट्स भारत द्वारा खरीदे जाते हैं। जानकारी अनुसार भारतीय वायु सेना के पास 272 सुखोई 30 हैं। इनमें से कइयों को अपग्रेड किया जाना है।
करीब एक दशक पहले ऐसी योजना बनी थी कि सुखोई को भारत में ही अपग्रेड किया जाए लेकिन कई कारणों से अब तक इसे प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिली।
कई फाइटर जेट अभी उड़ने की हालत में नहीं हैं तो कई को अपग्रेड किया जाना है। कई सुखोई जेट को रडार, फुल-ग्लास काकपिट और फ्लाइट-कंट्रोल कंप्यूटर आदि से अपग्रेड किया जाना है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे वक्त में जब भारत टू फ्रंट वार के लिए खुद को हमेशा तैयार रखना चाहता है तो फाइटर जेट अप टू डेट रखने जरूरी हैं। Russia Ukraine War
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