संबंधित खबरें
'बटेंगे तो कटेंगे' हुआ पुराना…कुंभ में आया हिंदुत्व का नया नारा, चारों तरफ लग रहे झमाझम पोस्टर
'मस्जिदें तुड़वाओ, दरिया में बहाओ कुरान शरीफ…नमाज कबूल नहीं', इस मौलाना ने मुसलमानों को दिया शॉकिंग संदेश
अतुल सुभाष सुसाइड केस में हुई मुस्लिम शख्स की एंट्री, निकिता को नहीं इस आदमी को पैसे भेजता था अतुल..खुलासे के बाद पुलिस भी रह गई दंग
PM Modi ने देशवासियों को कुछ इस अंदाज में दी क्रिसमस की शुभकामनाएं, ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से की बातचीत, देखें
Atal Bihari Vajpayee की 100वीं जयंती आज,स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे PM Modi, सदैव अटल पर देंगे श्रद्धांजलि
Manipur को लेकर PM Modi ने उठाया ये बड़ा कदम, सुनकर विपक्ष के कलेजे को मिल गई ठंडक
India News(इंडिया न्यूज),S Jaishankar: नेपाल द्वारा भारतीय क्षेत्रों 100 के नोट मामले में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि नेपाल द्वारा भारतीय क्षेत्रों को अपने करेंसी नोट में शामिल करने के कदम से जमीनी स्तर पर स्थिति या वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा। जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार को, काठमांडू ने एक नए ₹100 के करेंसी नोट की छपाई की घोषणा की, जिसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को नेपाली क्षेत्र के हिस्से के रूप में दर्शाया गया है। प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णय के बाद यह घोषणा की गई।
ये भी पढ़े:- Taiwan Invasion: चीन-रूस की सेनाएं मिलकर बना रही ताइवान पर हमले की योजना, अमेरिका ने किया दावा -India News
इस मामले में सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, “25 अप्रैल और 2 मई को हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान कैबिनेट ने ₹100 के बैंक नोट को फिर से डिजाइन करने और बैंक नोट की पृष्ठभूमि में छपे पुराने नक्शे को बदलने को मंजूरी दी। जिसके बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि, “हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। नेपाल के साथ, हम एक स्थापित मंच के माध्यम से अपने सीमा मामलों पर चर्चा कर रहे हैं। इस बीच, उन्होंने एकतरफा तरीके से अपनी ओर से कुछ कदम उठाए।
मिली जानकारी के अनुसार 18 जून, 2020 को नेपाल ने अपने संविधान में संशोधन करके तीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को शामिल करके देश के राजनीतिक मानचित्र को अपडेट किया। भारत ने इस “एकतरफा कार्रवाई” को “कृत्रिम विस्तार” और भारत द्वारा “अस्वीकार्य” करार दिया। यह कदम भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के नए मानचित्र प्रकाशित करने के छह महीने से भी कम समय बाद उठाया गया, जिसमें कालापानी को उत्तराखंड राज्य का हिस्सा दिखाया गया था।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.