इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:
Sadhguru Will Travel 30 Thousand km On Motorcycle: वॉलंटियर्स और ईशा निवासियों के जोश और तालियों के बीच, ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) के संस्थापक सद्गुरु, ‘मिट्टी बचाओ’ (save soil) वैश्विक अभियान के लिए ईशा योग केंद्र से रवाना हुए। इस अभियान में, वे एक अकेले मोटरसाइकिल से 27 देशों से गुज़रते हुए, 30,000 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगे। वे 100 दिनों में यह यात्रा पूरी करेंगे। 100 दिनों की इस यात्रा में, वे सभी 27 देशों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, और उनसे उनके देशों में मिट्टी बचाने के लिए जल्द नीतियां बनाने, और कार्रवाई शुरू करने का आग्रह करेंगे।
सद्गुरु ने कहा है कि “उन सभी की तरफ से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हम 2 साल से ‘मिट्टी बचाओ’ अभियान को ज़्यादा से ज़्यादा सक्रिय बना रहे हैं। यह अभियान 192 देशों में एक नीति लाने का प्रयास है कि अगरलोगों के पास खेती की भूमि है, तो उसमें कम से कम 3-6% जैविक (ऑर्गेनिक) सामग्री होनी चाहिए। ये आने वाली पीढ़ी के प्रति हमारी जिम्मेदारी है।” सद्गुरु पिछले 8 महीनों से, दुनिया की मिट्टी को बचाने के लिए ठोस कार्रवाई के लिए पूरी दुनिया में सहमति बनाने के लिए, मंत्रियों और राष्ट्रों के नेताओं से मिल रहे हैं।
मिट्टी बचाओ अभियान की नीतिगत सिफारिशों के बारे में जानकारी देते हुए, सद्गुरु ने कहा है कि “हमने हर देश के लिए विशिष्ट नीति दस्तावेज लिखे हैं। जो वहां की मिट्टी के प्रकार, उसकी अक्षांशीय (लैटिट्यूड के हिसाब से) स्थिति, और वहां की खेती की परंपराओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। इन सभी चीज़ों के हिसाब से हमने हर देश के लिए, अलग-अलग नीति दस्तावेज लिखे हैं।
सद्गुरु ने कहा कि भारत से बाहर जाने के बाद, उनका पहला पड़ाव अमेरिका होगा, जहां वे इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने के लिए मीडिया से बातचीत करेंगे। उन्होंने खुलासा किया कि “संयुक्त राज्य अमेरिका में पिछले 12 वर्षों में, 50% किसानों ने एक भी डॉलर नहीं कमाया है। संयुक्त राज्य में सभी व्यवसायों में सबसे अधिक आत्महत्या किसानों के बीच पाई जा रही है।” इसके बाद सद्गुरु कैरेबियाई द्वीपों की यात्रा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि वहाँ के 9-11 देश, मिट्टी बचाओ अभियान के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करेंगे।
अपनी 100 दिनों की यात्रा के दौरान, सद्गुरु संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (युएनसीसीडी) (United Nations Convention to Combat Desertification) की पार्टियों के सम्मेलन (कोप-15) के 15वें सत्र (15th session) को भी संबोधित करेंगे। वे दावोस में सार्वजनिक-निजी सहयोग के प्रमुख वैश्विक मंच, विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) पर व्यापार, राजनीतिक और सामाजिक नेताओं के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करेंगे, ताकि उन्हें मिट्टी बचाने के वैश्विक प्रयास में शामिल होने का आग्रह किया जा सके। यह दोनों कार्यक्रम मई में निर्धारित हैं।
मिट्टी को रेत बनने से रोकने के लिए, संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (युएनसीसीडी), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (युएनईपी) (United Nations Environment Programme) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूऍफ़पी) (world food program) कुछ वैश्विक एजेंसियां हैं, जो ‘मिट्टी बचाओ’ अभियान की पार्टनर हैं।
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