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Same Sex Marriage: समलैंगिक विवाह मामले में आज की सुनवाई खत्म, केस की सुनवाई में हुई ये बड़ी बातें

BY: Divya Gautam • LAST UPDATED : April 20, 2023, 5:17 pm IST
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Same Sex Marriage:  समलैंगिक विवाह मामले में आज की सुनवाई खत्म, केस की सुनवाई में हुई ये बड़ी बातें

India News (इंडिया न्यूज़) Same Sex Marriage दिल्ली: समलैंगिक विवाह मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज की खत्म हो गई है अब सुनवाई कल भी जारी रहेगी। समलैंगिक विवाह मामले में केंद्र ने एक नया प्राथनापत्र जारी किया है और सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पक्ष बनाने का आग्रह किया गया है।

क्या सरकार सिर्फ एक तरह की शादियां चाहती है?

अभिषेक मनु सिंघवी ने बेंच से पूछा, समलैंगिक शादियों से सरकार क्यों मना कर रही है? क्या वह सिर्फ परंपरागत शादियां ही चाहते हैं। अगर हां, तो फिर वह अंतर्रजातीय शादियों, अंतर्रधार्मिक शादियों के बारे में क्या विचार रखते हैं।

जस्टिस भट ने कही ये बात

जस्टिस भट ने कहा कि यहां एक प्रश्न है- उदाहरण के लिए बीमा लें, बीमा कानून अपने आप में विनियमन का विषय है तो क्या हमारे पास IRDA के नियम हैं या ये मानक नीतियां हैं जो स्वीकृत हैं। कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो अन्य क्षेत्रों में प्रवेश किए बिना तुरंत की जा सकती हैं यदि पितृ अधिनियमन में कोई निषेध न हो तो यह और भी आसान हो जाता है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा..

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वे जो कह रहे हैं वह यह है कि क्योंकि भारत सरकार ने विवाह को पुरुष और महिला के बीच विवाह के रूप में परिभाषित किया है, आप गलत हैं।

सरकार की ओर से कोई आंकड़ा नहीं आया- CJI

सीजीआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये अपनी अभिव्यक्तियों में अधिक शहरी हो सकता है क्योंकि शहरी क्षेत्रों में अधिक लोग बाहर आ रहे हैं। सरकार की ओर से कोई आंकड़ा नहीं निकल रहा है कि यह शहरी है या कुछ और

शहरी एलीट के मुद्दे पर हुई बहस 

सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन ने कहा कि मेरी मुवक्किल ट्रांसजेंडर हैं, परिवार द्वारा त्याग दिया गया था, सड़कों पर भीख मांगी थी, और आज वह केपीएमजी में निदेशक हैं। उनके लिए एक “शहरी अभिजात्य” ब्रांडेड होना अनुग्रह की पूर्ण कमी दर्शाता है आज वह एक्ट के तहत सरकार द्वारा नामित ट्रांसजेंडर काउंसिल की सदस्य हैं।

सिंघवी ने दी ये दलील

सिंघवी ने कहा कि वे जो कह रहे हैं वह यह है कि चूंकि भारत सरकार ने विवाह को पुरुष और महिला के बीच विवाह के रूप में परिभाषित किया है, आप गलत हैं।

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