Samlu Markam Story: पति-पत्नी का रिश्ता प्यार, विश्वास, सम्मान, समझ और समर्पण पर निर्भर करता है. भारतीय हिंदू परंपरा में पति-पत्नी के मजबूत बंधन को 2 आत्माओं का संगम भी बोला जाता है. छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक शख्स ने थायरॉयड कैंसर से पीड़ित पत्नी के इलाज के लिए अपना सबकुछ लुटा दिया. घर-जमीन के साथ-साथ अपना सबकुछ बेच डाला.
पत्नी के इलाज में बिक गया सबकुछ
कवर्धा ज़िले के नगवाही कांटाबाहरा रेंगाखार के रहने वाले समलू मरकाम का जीवन ही संघर्ष का प्रतीक बन चुका है. पिछले तीन साल से पत्नी कपुरा मरकाम (57) थायरॉयड कैंसर से पीड़ित हैं. पूरे समर्पण भाव से समलू मरकाम अपनी पत्नी का इलाज करा रहे हैं. पैसा पानी की बहाया. घर जमीन के साथ सबकुछ बिक गया, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं है. वहीं समलू मरकाम हार नहीं मा रहे हैं. उनकी मौत के खिलाफ जिंदगी के प्रति जंग जारी है.
मोटरसाइकिल को बना दिया एंबुलेंस
इस बीच समलू ने घर में मौजूद मोटरसाइकिल को ही एंबुलेस की शक्ल दे दी है. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले बाइक के पिछले हिस्से पर पटरी लगाई. इसे आरामदायक बनाने के लिए उन्होंने इस पर गद्दे रख दिए. गंभीर हालत में जब भी पत्नी को अस्पताल ले जाना होता तो पत्नी को रस्सी से बांध देते हैं. इसके वह अस्पताल लेकर जाते हैं. यह सिलसिला अब भी जारी है.
पत्नी के इलाज पर अब तक हो चुका है 5 लाख रुपये खर्च
पति समलू मरकाम का कहना है कि पत्नी को शुरुआत में दिक्कत हुई तो आसपास के डॉक्टरों से इलाज करवाया. इसके बाद ज्यादा परेशानी हुई तो शहर के डॉक्टरों को दिखाया. तीन साल पहले पत्नी को थाइरॉयड कैंसर होने का पता चला. जानकारी लगी तो पैरों तले जमीन खिसक गई. कुछ दिन परेशानी और चिंता में गुजरे. इसके बाद जिंदगी के लिए जंग शुरू कर दी. अगली कड़ी में पत्नी का छत्तीसगढ़ के कई बड़े अस्पतालों में इलाज करवाया. छत्तीसगढ़ से बाहर भी गए पत्नी के इलाज के लिए. समलू मरकाम की मानें तो अब तक वह 5 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं, लेकिन पत्नी की हालत में सुधार नहीं है.
रायपुर में चल रहा इलाज
समलू मरकाम ने बताया कि रायपुर एम्स में पत्नी का इलाज करा रहे हैं. सरकारी अस्पताल में इलाज तो सस्ता है, लेकिन दवाई समेत दूसरे खर्चे भी हैं. पत्नी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, अधिकारियों से कई बार आर्थिक मदद की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला.