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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
SC Order: यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा से तिहाड़ जेल अधिकारियों की मिलीभगत मामले में तिहाड़ जेल के अफसरों पर मुसीबत आन पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट (SC Order) ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की रिपोर्ट में आए दो तिहाड़ अफसरों को निलंबित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों के खिलाफ जांच करने के आदेश भी जारी किए हैं। यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों को जेल से कामकाज चलाने में मदद करने पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट (SC Order) ने चंद्रा की मिलीभगत के आधार पर दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की तिहाड़ अधिकारियों की सीलबंद कवर रिपोर्ट पर पूर्ण जांच करने के आदेश दे दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल के उन अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया, जिनके खिलाफ दिल्ली सीपी राकेश अस्थाना की रिपोर्ट के आधार पर मामले दर्ज किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने जेल प्रबंधन पर रिपोर्ट की प्रति गृह मंत्रालय को निदेर्शों के अनुपालन के लिए देने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत को आदेश ईडी ने यह सूचित किया था कि ये लोग जेल कर्मियों की मिलीभगत से जेल परिसर के भीतर से ही कारोबार चला रहे हैं। इस सूचना पर कार्यवाही करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त को निर्देश दिया था कि यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को दिल्ली की तिहाड़ जेल से मुंबई की आर्थर रोड जेल और महाराष्ट्र में तलोजा जेल स्थानांतरित कर दिया जाए।
कुछ दिन पहले ईडी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया था। अपने खुलासे में ईडी ने कहा था कि उसने यहां एक ‘गुप्त भूमिगत कार्यालय’ का पता लगाया था, जिसे यूनिटेक के पूर्व संस्थापक रमेश चंद्र चला रहा था। पैरोल या जमानत पर छूटने पर उसके बेटे संजय और अजय भी इस दफ्तर में गए थे। मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही ईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि संजय और अजय दोनों ने पूरी न्यायिक हिरासत को मजाक बना के रख दिया है। वे दोनों जेल स्टाफ की मिलीभगत से पूरी आजादी से बातचीत कर रहे हैं, अपने अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।
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