देश

Royalty Payable: खनिजों पर वसूली जाने वाली रायल्टी कर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित, जानें क्या कहा

India News(इंडिया न्यूज),Royalty Payable: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खनिजों पर एकत्रित रॉयल्टी को खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 के तहत कर मानने और केंद्र के साथ-साथ राज्यों को इसे वसूलने का अधिकार देने के विवादास्पद मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने विभिन्न राज्य सरकारों, खनन कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा दायर 86 याचिकाओं पर आठ दिनों तक सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

कोर्ट ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि संविधान खनिज अधिकारों पर टैक्स लगाने की शक्ति न सिर्फ संसद को बल्कि राज्यों को भी देता है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि ऐसे अधिकारों को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने तर्क दिया था कि केंद्र के पास खानों और खनिजों पर कर लगाने की अधिक शक्तियां हैं।

सॉलिसिटर जनरल ने क्या दी दलील?

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि एमएमआरडीए की पूरी संरचना खनिजों पर कर लगाने के लिए राज्यों की विधायी शक्ति पर सीमाएं लगाती है और केवल केंद्र सरकार के पास रॉयल्टी तय करने की शक्ति है।

हालांकि, याचिकाकर्ताओं में से एक, झारखंड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कहा था कि रॉयल्टी एक कर नहीं है और राज्यों को राज्य सूची के विषय 49 और 50 के आधार पर खानों और खनिजों पर कर लगाने का अधिकार है। राज्य सूची का शीर्ष 49 राज्यों को भूमि और भवनों पर कर लगाने का अधिकार देता है, जबकि शीर्ष 50 राज्यों को खनिज विकास से संबंधित संसद द्वारा लगाई गई किसी भी सीमा के अधीन खनिज अधिकारों पर कर लगाने की अनुमति देता है। वास्तव में, नौ-न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस जटिल प्रश्न पर विचार कर रही है कि क्या खनन पट्टों पर केंद्र द्वारा एकत्र की गई रॉयल्टी को कर के रूप में माना जा सकता है, जैसा कि 1989 में सात-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था।

6 मार्च को शीर्ष अदालत ने कहा था कि संविधान संसद को खनिज विकास संबंधों के आधार पर सभी प्रकार के नियम बनाने की शक्ति नहीं देता है और राज्यों को खानों और खनिजों को विनियमित करने और विकसित करने की शक्ति है।

27 फरवरी को, शीर्ष अदालत ने इस विवादास्पद मुद्दे पर सुनवाई शुरू की थी कि क्या निकाले गए खनिजों पर देय रॉयल्टी एमएमआरडीए अधिनियम, 1957 के तहत कर की प्रकृति में है। यह मुद्दा इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड बनाम राज्य के मामले में 1989 के फैसले के बाद उठा था। तमिलनाडु की, जिसमें शीर्ष अदालत की सात-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि रॉयल्टी एक कर है। हालाँकि, शीर्ष अदालत की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने 2004 में पश्चिम बंगाल राज्य बनाम केसोराम इंडस्ट्रीज लिमिटेड मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि 1989 के फैसले में टाइपोग्राफ़िकल त्रुटि थी और रॉयल्टी एक कर नहीं है। इसके बाद इस विवाद को नौ जजों की बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया।

ये भी पढ़ें:-

Rajesh kumar

राजेश कुमार एक वर्ष से अधिक समय से पत्रकारिता कर रहे हैं। फिलहाल इंडिया न्यूज में नेशनल डेस्क पर बतौर कंटेंट राइटर की भूमिका निभा रहे हैं। इससे पहले एएनबी, विलेज कनेक्शन में काम कर चुके हैं। इनसे आप rajeshsingh11899@gmail.com के जरिए संपर्क कर सकते हैं।

Recent Posts

इस बार भी कर्तव्य पथ पर नहीं दिखेगी दिल्ली की झांकी, रक्षा मंत्रालय ने दी सफाई

India News (इंडिया न्यूज),Delhi: गणतंत्र दिवस परेड में राजधानी दिल्ली की झांकी शामिल न होने…

17 minutes ago

UP News: शरारती तत्वों ने मंदिर के चबूतरे पर फोड़ा अंडा, पुलिस को ‘शरारती’ की सरगर्मी से तलाश

India News (इंडिया न्यूज),UP News: चमनगंज क्षेत्र के तकिया पार्क के पास स्थित 1 मंदिर…

42 minutes ago

महिला और अति पिछड़ा वोटरों के साधने की कोशिश,अब JDU बताएगी CM का काम

India News (इंडिया न्यूज),JDU Leaders Flagged Off Chariot: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब मात्र…

57 minutes ago

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कही ये बड़ी बात, अमित शाह पर निशाना साधा

India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस हमलावर नजर…

1 hour ago

हिमाचल प्रदेश में भीषण ठंड का अटैक, 4 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

India News (इंडिया न्यूज),Himachal Pradesh Weather: हिमाचल के निचले पहाड़ी इलाकों में कड़ाके की ठंड…

2 hours ago

नाथ संप्रदाय को लेकर क्या बोले CM मोहन यादव, ताजमहल नहीं सनातन धर्म के पवित्र ग्रंथ…

India News (इंडिया न्यूज),MP News: MP के CM डॉ. मोहन यादव रविवार (22 दिसंबर) को…

2 hours ago