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जानिए, क्यों ‘9’ मई की तारीख रूस के लिए है खास ? Second Phase Of Russia Ukraine War Begins

इंडिया न्यूज:
Second Phase Of Russia Ukraine War Begins: हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध  (Russia Ukraine Crisis) दूसरे चरण में प्रवेश कर चुका है और यूक्रेन आखिर तक लड़ेगा। उधर अमेरिका और यूक्रेन का मानना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 9 मई तक जीत की घोषणा करना चाहते हैं। इसलिए अगले 19 दिनों में यूक्रेन के शहरों और नागरिकों पर रूस के हमले बढ़ने की आशंका है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों पुतिन 9 मई तक जीत की घोषणा करना चाहते हैं, और जीत के लिए पुतिन क्या कर रहे हैं। 9 मई से रूस का क्या है कनेक्शन।

रूस का 9 मई से क्या है कनेक्शन ?

  • 9 मई और रूस-यूक्रेन युद्ध का कनेक्शन दूसरे विश्वयुद्ध से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। बताते हैं कि 1945 में हिटलर की नाजी सेना का कहर लगातार बढ़ रहा था। मजबूरी में अमेरिका, ब्रिटेन और सोवियत संघ साथ आए और नाजी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। हार से घिरे हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को आत्महत्या कर ली। एक हफ्ते बाद, यानी 8 मई को जर्मनी ने सोवियत सेना के सामने सरेंडर कर दिया।
  • कहते हैं कि जिस समय जर्मनी की सेना सरेंडर कर रही थी उस समय जर्मनी में 8 मई थी, लेकिन रूस में 9 मई की तारीख लग चुकी थी। 22 जून 1945 को जोसेफ स्टालिन ने 9 मई को विक्ट्री डे की तरह मनाने की घोषणा की। इसके बाद 9 मई को मॉस्को के रेड स्क्वायर पर विक्ट्री डे परेड की जाने लगी, इसलिए 9 मई का दिन रूस के लिए बेहद खास है।
  • जेरूसलम इंस्टिट्यूट फॉर सिक्यॉरिटी एंड स्ट्रैटिजी में एनालिस्ट अलेक्जेंडर ग्रीनबर्ग कहते हैं, ‘पुतिन को प्रतीकों वाली तारीखों और इतिहास से लगाव है। इसलिए वे 9 मई से पहले जीत की कोई ना कोई तस्वीर देखना चाहते होंगे।’ वहीं, मॉस्को स्थित थिंक टैंक द काउंसिल फॉर फॉरेन एंड डिफेंस पॉलिसी के सर्गेई कारागनोव कहते हैं कि अगर रूस यह युद्ध हार गया तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा, इसलिए उसे जीत जैसा कुछ तो चाहिए ही।

पुतिन का प्लान-बी पर फोकस ?

(Second Phase Of Russia Ukraine War Begins) 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर स्पेशल मिलिट्री आॅपरेशन शुरू किया तो सबसे पहले राजधानी कीव की तरफ बढ़े। पुतिन ने कहा कि उनका उद्देश्य यूक्रेन का असैन्यीकरण और विनाजीकरण करना है। कीव शहर से करीब 10 मील दूर उन्हें यूक्रेन की तरफ से मुंहतोड़ जवाब मिला। कई दिनों की मशक्कत के बाद भी रूस का प्लान-ए फेल हो गया। इसके बाद रूस ने अपना प्लान-बी एक्टिवेट कर दिया। पिछले हफ्ते व्लादिमिर पुतिन ने एक स्पीच में अपने बदले उद्देश्य की झलक दे दी। पुतिन ने कहा- डोनबास में रहने वाले उन लोगों की मदद करना हमारा उद्देश्य है जो रूस के साथ अटूट रिश्ता महसूस करते हैं। ( Vladimir Putin’s Plan B And Military Strategy)

यूक्रेन के सैन्य खुफिया प्रमुख का दावा है कि रूस यूक्रेन को युद्ध में पूरी तरह नहीं हरा सकता, इसलिए विभाजन की साजिश कर सकता है। रूसी सुरक्षा बल कीव से उत्तरी इलाके में दूसरी तरफ बढ़ते दिख रहे हैं, लेकिन दक्षिण पूर्वी शहर मारियुपोल से वो टस से मस नहीं हो रहे। ऐसा इसलिए क्योंकि यह इलाका क्रीमिया को बाकी यूक्रेन से जोड़ता है। क्रीमिया पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था। इसलिए अगर मारियुपोल पर कब्जा हो जाए तो मॉस्को का यूक्रेन के पूर्वी इलाके के बड़े क्षेत्र पर नियंत्रण हो जाएगा।

What Is Putin Doing To End The War?  (Second Phase Of Russia Ukraine War Begins)

स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन की जगह युद्ध

अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार सैमुअल रमानी ने ट्विटर पर लिखा है कि रूसी जहाज मोस्कवा के नष्ट होने की वजह से रूस में ‘स्पेशल मिलिट्री आॅपरेशन’ को यूक्रेन के साथ युद्ध का औपचारिक दर्जा देने की मांग उठने लगी है। अगर रूस ये रास्ता अपनाता है तो इस युद्ध में ज्यादा सैनिकों की भर्ती करने से लेकर अपने सहयोगियों से मदद लेने जैसे विकल्प खुल सकते हैं। हालांकि, इस मुद्दे पर रूस की ओर से किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया है।

जनरल अलेक्जेंडर ड्वोर्निकोव को जंग की कमान

पुतिन ने यूक्रेन जंग की कमान अब जनरल अलेक्जेंडर ड्वोर्निकोव को सौंप दी है। उन्होंने चेचन्या में लड़े गए दूसरे युद्ध और सीरिया की जंग में अहम भूमिका निभाई थी। वो लोगों पर अत्याचार और क्रूरता के लिए कुख्यात हैं। 2016 में पुतिन ने जनरल ड्वोर्निकोव को हीरो आॅफ रशिया मेडल से नवाजा था। ये रूस के सबसे बड़े सैन्य पुरस्कारों में से एक है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि वो बिना मानवाधिकार की परवाह किए जंग को जल्दी अंजाम तक पहुंचा सकते हैं।

मारियुपोल पर कब्जा, अन्य जगह भी हमले बढ़ाए

रूसी सेना ने रविवार को एक बड़े स्टील प्लांट को नष्ट कर दिया, जो दक्षिणी यूक्रेन के शहर मारियुपोल में प्रतिरोध का आखिरी स्थान था। रूसी सेना की छह सप्ताह से घेराबंदी का सामना कर रहे मारियुपोल पर कब्जे से रूस को यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में बड़े पैमाने पर आक्रमण करने की योजनाओं में मदद मिलेगी। रूसी सेना ने शनिवार को कीव, पश्चिमी यूक्रेन और इससे सटे इलाकों में भी हमले तेज कर दिए।

क्या 19 दिनों में और आक्रामक हो सकता है युद्ध

अब रूसी सेना का पूरा फोकस डोनबास इलाके पर है। अगले 19 दिनों में वो कम से कम यूक्रेन के पूर्वी इलाके पर कब्जा करके जीत का ऐलान कर सकते हैं। बता दें कि बीते दिनों रूस ने यूक्रेन के करीब 300 मिलिट्री ठिकानों पर रॉकेट और आर्टिलरी फायर से एक साथ धावा बोला। इसमें खार्किव, जोपोरिया और डोनेट्स्क के इलाके शामिल हैं। रूस ने यूक्रेनी सेना से तुरंत हथियार डालने को कहा है।  (Second Phase Of Russia Ukraine War Begins)

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Suman Tiwari

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