India News (इंडिया न्यूज), Fali S Nariman Death: देश के प्रसिद्ध न्यायविद् और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन का बुधवार को नई दिल्ली में निधन हो गया। फली एस नरीमन ने नवंबर 1950 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू की और 1961 में उन्हें वरिष्ठ वकील नामित किया गया। उन्होंने 70 से अधिक वर्षों तक कानून का अभ्यास किया। शुरुआत में उन्होंने अपने कानूनी ज्ञान का उपयोग बॉम्बे उच्च न्यायालय और फिर साल 1972 से उच्चतम न्यायालय में प्रमुख मामलों की जिरह करने के लिए किया।
आपातकाल के विरोध में दिया इस्तीफा
बता दें कि, भारतीय संविधान और न्यायिक व्यवस्था पर उनकी पकड़ को देखते हुए, उन्हें वर्ष 1975 में भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था। हालांकि उसी साल जून के माह में उन्होंने तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के सरकार द्वारा आपातकाल की घोषणा के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। फली एस नरीमन को श्रद्धांजलि देते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, वह एक जीवित किंवदंती थे, जिन्हें कानून और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोग हमेशा याद रखेंगे। अपनी उपलब्धियों के अलावा वह हमेशा अपने सिद्धांतों पर अटल रहे।
पद्म विभूषण से किया गया सम्मानित
बता दें कि, नरीमन को जनवरी 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। कानून पर पकड़ रखने के अलावा, उन्हें एक उत्कृष्ट लेखक भी कहा जाता है, जिनकी ‘द स्टेट ऑफ नेशन’, ‘गॉड सेव द ऑनरेबल सुप्रीम कोर्ट’ जैसी किताबें हैं और उनकी आत्मकथा, ‘बिफोर मेमोरी फ़ेड्स’ लोकप्रिय हुई, जिसे व्यापक रूप से पढ़ा गया।
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