India News (इंडिया न्यूज़), Shaheed Diwas 2024, दिल्ली: भारत की आज़ादी में बड़ा योगदान देने वाले महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के गुलाम से आजादी दिलाने में अपना जीवन भी निछावर किया था। जिसमें 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे के गोली मारने की वजह से उनकी मौत हो गई थी। गांधी जी के बलिदान को याद करते हुए आज के दिन यानी की 30 जनवरी को हर साल शहीद दिवस मनाया जाता है। इस दिन उन शहीदों को भी याद किया जाता है। जिन्होंने आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहुति दी थी।
क्या है शहीद दिवस का इतिहास?
शहीद दिवस के इतिहास के बारे में बताएं तो 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी दिल्ली के बिरला भवन में एक शाम की प्रार्थना सभा को संबोधित कर रहे थे। उसे समय शाम को तकरीबन 5:17 PM पर नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मार की हत्या कर दी। अहिंसा के पुजारी गांधी जी का निधन पूरे देश के लिए काफी दुखद था। जिस वजह से हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में उनकी पुण्यतिथि मनाई जाती है। शहीद दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
कैसे मनाया जाता है शहीद दिवस?
बता दे की 30 जनवरी को शहीद दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीन सेना प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी के समृद्धि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। सेना के जवान भी इस अवसर पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिए अपने हथियार झुकते हैं। साथ ही देश के सभी शहीदों को याद करते हुए इस मौके पर 2 मिनट का मौन भी रखा जाता है। स्कूल, कॉलेज और दूसरे स्थान पर भी महात्मा गांधी से जुड़े कार्यक्रम, भाषणों का आयोजन किया जाता है।
लोगों को याद दिलाया जाता है कि बाबू भले ही आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी वजह से ही देश को मिली आजादी में एक बहुत बड़ा हाथ है और गांधी जी के इस दिन को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्रता से लेकर स्वच्छता का मंत्र हर घर में पहुंचाया जाता है।
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