India News (इंडिया न्यूज़),Rahul Gandhi: राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बिहार में प्रवेश कर चुकी है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकलने के बाद से राहुल गांधी लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं। अपने दौरे के दौरान राहुल ने कई मुद्दों पर बीजेपी को घेरा है। इसी बीच अब राहुल ने शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का मुद्दा उठाकर बीजेपी-आरएसएस पर हमला बोला है।
राहुल ने बीजेपी पर अपने आरोपों में कहा कि यूजीसी की ड्राफ्ट गाइडलाइन उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण को खत्म करने की साजिश है। आपको बता दें, कल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए रिक्तियों को डी-रिजर्व करने का सुझाव दिया था। हालांकि, बाद में इस पर सफाई आई।
राहुल गांधी ने यूजीसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि यूजीसी के नए ड्राफ्ट में उच्च शिक्षा संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों को दिए जाने वाले आरक्षण को खत्म करने की साजिश है। आज 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लगभग 7,000 आरक्षित पदों में से 3,000 पद रिक्त हैं, जिनमें से केवल 7.1 प्रतिशत दलित, 1.6 प्रतिशत आदिवासी और 4.5 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के प्रोफेसर हैं।
UGC के नए ड्राफ्ट में उच्च शिक्षा संस्थानों में SC, ST और OBC वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को ख़त्म करने की साजिश हो रही है।
आज 45 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में लगभग 7,000 आरक्षित पदों में से 3,000 रिक्त हैं, और जिनमें सिर्फ 7.1% दलित, 1.6% आदिवासी और 4.5% पिछड़े वर्ग के Professor…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2024
इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि आरक्षण की समीक्षा की बात करने वाली बीजेपी-आरएसएस अब ऐसे उच्च शिक्षा संस्थानों से समाज के वंचित वर्ग की नौकरियां छीनना चाहती है। यह सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले नायकों के सपनों को खत्म करने और वंचित वर्गों की भागीदारी को खत्म करने का प्रयास है। राहुल गांधी ने कहा कि ‘प्रतीकात्मक राजनीति’ और ‘वास्तविक न्याय’ के बीच यही अंतर है और यही बीजेपी का चरित्र है।
राहुल ने आगे कहा कि कांग्रेस ऐसा कभी नहीं होने देगी। हम सामाजिक न्याय के लिए लड़ना जारी रखेंगे और इन रिक्त पदों को केवल आरक्षित श्रेणियों के योग्य उम्मीदवारों से भरेंगे। दरअसल, यूजीसी के एक मसौदा दिशानिर्देश में प्रस्तावित किया गया था कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) या अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रिक्तियों को इन श्रेणियों के पर्याप्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अनारक्षित रखा जाना चाहिए। घोषित किया जा सकता है। इस पर विवाद खड़ा होने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को स्पष्ट किया कि एक भी आरक्षित पद अनारक्षित नहीं रहेगा। अधिकारियों ने कहा कि ये केवल ‘ड्राफ्ट दिशानिर्देश’ थे। प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखते हुए फाइनल वर्जन में कई बदलाव होंगे।
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