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Sikkim Flood: सिक्किम में कुदरत के कहर से कांपे लोग, 103 लापता 19 की मौत 6 सैनिक भी शामिल

Shubham Pathak • LAST UPDATED : October 6, 2023, 4:49 am IST
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Sikkim Flood: सिक्किम में कुदरत के कहर से कांपे लोग, 103 लापता 19 की मौत 6 सैनिक भी शामिल

Sikkim Flood

India News(इंडिया न्यूज),Sikkim Flood: सिक्किम में कुदरत के कहर से लोग कांप चुके है। जहां ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक विनाषकारी बाढ़ आ गई। जिसके बाद से लोगों में हरकंप सा मच गया। जिसके बाद ताजा जानकारी ये सामने आ रही है कि, सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वाले 19 लोगों में छह सैनिक भी शामिल हैं। 16 सैनिकों सहित 100 से अधिक लोग अभी तक लापता हैं वहीं 3,000 पर्यटक फंसे हुए हैं। अब तक 2,500 से अधिक लोगों को निकाला गया है और 6,000 लोगों को राहत शिविरों में ले जाया गया है।

राज्य सरकार ने पर्यटकों को दिए निर्देश

मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, सिक्किम की बदहाल स्थीती को देखते हुए राज्य सरकार ने पर्यटकों से फिलहाल सिक्किम नहीं आने को कहा है। इसके साथ ही सरकार ने इस आपदा में सेना के शिविर से विस्फोटकों और गोला-बारूद के बह जाने की संभावना पर एक सलाह भी जारी की है। वहीं बिजली मंत्रालय ने कहा कि, वह बाढ़ का पानी कम होने के बाद सिक्किम में जलविद्युत परियोजनाओं को हुए नुकसान का विस्तृत आकलन करेगा। इसके साथ ही बिजली मंत्रालय ने कहा कि, राज्य के स्वामित्व वाली जलविद्युत कंपनी एनएचपीसी जलविद्युत परियोजनाओं को जल्द से जल्द चालू करने के लिए हर संभव उपाय कर रही है, और वे तीस्ता बेसिन में अचानक बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

अधिकारी ने दिया जवाब

इसी के साथ इस मामले को लेकर एक अन्य अधिकारी ने कहा कि, 22 सैन्यकर्मियों के अलावा, 26 नागरिक भी लापता हैं, जबकि 45 लोगों को बचाया गया, जिनमें 18 घायल हैं. एक अधिकारी ने बताया, “राज्य की राजधानी गंगटोक से 30 किलोमीटर दूर सिंगताम में स्टील से बना एक पुल बुधवार तड़के तीस्ता नदी के पानी में पूरी तरह से बह गया। इस पुल को इंद्रेणी पुल के नाम से भी जाना जाता है।

एक नजर से विस्तार से

जानकारी के लिए बता दें कि, 3 और 4 अक्टूबर की मध्यरात्रि को तीस्ता बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण, तीस्ता- जलविद्युत स्टेशन के नीचे तारखोला और पम्फोक तक के सभी पुल डूब गए या बह गए।
वर्तमान में, पावर स्टेशन शटडाउन में है और बिजली का उत्पादन नहीं कर रहा है। एनएचपीसी ने समय पर अपनी सभी परियोजनाओं से जनशक्ति को हटा लिया है और यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए।

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