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India News (इंडिया न्यूज),Ram Mandir: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी शामिल हो सकती हैं। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है। आपको बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें शामिल होने के लिए देशभर से बड़ी हस्तियां अयोध्या पहुंचेंगी। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सोनिया गांधी के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी निमंत्रण भेजा गया है।
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी के 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की संभावना है। सोनिया गांधी, पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी सभी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, जो चार महीने से भी कम समय में होने वाले आम चुनाव से पहले देश की राजनीतिक बयानबाजी का केंद्र बन गया है। सूत्रों ने कहा कि इस राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस के फैसले के बाद उसके सहयोगियों के साथ व्यापक बातचीत हुई, जिसमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग जैसे विपक्षी गुट भी शामिल है।
बता दें कि कांग्रेस ने अपने फैसले को चुनाव से पहले जरूरी कदम उठाने जैसा बताया है। कांग्रेस का मानना था कि राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल नहीं होने से भाजपा को मतदान से पहले सोनियागांधी की पार्टी और उसके भारतीय सहयोगियों पर हमला करने के लिए एक घातक हथियार मिल जाएगा।
22 जनवरी को पीएम मोदी मंदिर के गर्भगृह में रामलला यानी भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप की मूर्ति स्थापित करेंगे। राम मंदिर ट्रस्ट ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कई राजनेताओं को निमंत्रण भेजा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन दोनों नेताओं ने अयोध्या में कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले नेताओं का आरोप है कि बीजेपी एक धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण कर रही है।
बताते चलें की पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, जो अब एक स्वतंत्र राज्यसभा सांसद हैं, उन्होंने कहा कि उनके “भगवान राम मेरे दिल में हैं” और वह चुनाव से पहले भाजपा द्वारा संभावित शक्ति प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहते थे।
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