इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
State of war in Russia Ukraine: यूक्रेन और रूस के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जब से यूक्रेन के क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहांस्क को दो अलग स्वतंत्र मुल्क के तौर पर मान्यता देने वाले आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। पश्चिमी देशों के साथ रूस का तनाव और भी बढ़ गया है।
(russia ukraine crisis) वहीं रूस के टैंकों का यूक्रेन में घुसने पर लोग डरे हुए हैं। (russia forces at ukraine border) यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। रूस के रवैये से लोगों में ये भावना भी आ रही है कि अब यूक्रेन को एनएटीओ से जुड़ना चाहिए। तो आइए जानते हैं यूक्रेन में पल-पल क्यों बदल रहे हालात। ( State of war in Russia Ukraine)
क्यों रूस के भाषण पर यूक्रेन की थी नजर? (Why Ukraine was eyeing Russia’s speech)
यूक्रेन वासियों की निगाहें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के भाषण पर थीं। लोगों में इतना डर था कि वो सो भी नहीं पा रहे हैं। वहीं एक तरफ रूस के टैंक और भारी सैन्य साजो सामान धड़धड़ाते हुए यूक्रेन की सीमा में घुस रहे हैं और दूसरी तरफ धैर्य रखे यूक्रेनवासी आपस में पूछ रहे हैं कि अब आगे क्या होगा। जनता अब परेशान नजर आ रही है। सड़कें खाली हो चुकी हैं और लोगों की नजरें टीवी चैनलों पर टिकी हैं।
रूस की सीमा से सटे खार्कीव और दूसरे शहरों में अफरातफरी का माहौल है। लोग पश्चिम की तरफ पलायन कर रहे हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विदेशी छात्र देश लौट रहे हैं। खार्कीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भारतीय स्टूडेंटों का कहना है कि यहां स्थिति काफी गंभीर है और अब हम सब लौट रहे हैं। मंगलवार देर रात एयर इंडिया की एक फ्लाइट खार्कीव से करीब 242 भारतीय छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंची है।
यूक्रेन का एक्शन प्लान क्या? (Russia Ukraine War Situation Update)
रूस ने यूक्रेन के दो अलगाववादी इलाकों लुहांस्क और डोनेट्स्क को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी है और अपनी सेनाओं को संसद की मंजूरी से ‘विदेशी धरती’ पर भेज दिया है। इन हालात में यूक्रेन के लोगों को लग रहा है कि यूक्रेन के पास अब नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन की तरफ जाने के अलावा कोई दूसरा व्यवहारिक विकल्प नहीं बचा है।
वहीं बीते कल यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश को संबोधित किया और कहा कि इस संकट में यूक्रेन के सभी राजनीतिक दल एक हैं और उनका रंग पीला और नीला है। जेलेंस्की यूक्रेन के शीर्ष 50 कारोबारियों के साथ बैठक कर और तय करेंगे कि मौजूदा संकट से कैसे निपटा जाए। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कारोबारियों को मुश्किल हालात में टैक्स में छूट देने की घोषणा भी की है, ताकि इस संकट के कारण इकोनॉमी संकट पैदा नहीं हो।
क्यों विपक्षी हुए सरकार की तरफ?
संकट के समय यूक्रेन के विपक्षी नेताओं ने सरकार के साथ एकजुटता दिखाई है। यूक्रेन के बड़े कारोबारी व विपक्षी नेतारिनात एखमेतोव ने अपना टैक्स एडवांस में ही जमा करा दिया है, ताकि इकोनॉमी को मदद मिले। बता दें कि एखमेतोव पूर्व राष्ट्रपति विक्टर यानूकोविच के समर्थक हैं।
बता दें कि तीन माह पहले यूक्रेन की राजनीति गंदी थी, लेकिन अब सब एकजुट हैं। पूर्व में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों का विरोध करने वाले उद्योगपतियों ने यूक्रेन को अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है। हमेशा की तरह राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन को बांटना चाहा, लेकिन यूक्रेनी नागरिक अब मजबूती से एकजुट हो रहे हैं।
कभी भी डोनेट्स्क में हो सकता है युद्ध ( State of war in Russia Ukraine)
डोनेट्स्क में अफरा-तफरी मची हुई है। सोशल मीडिया के जरिए वीडियो में दिख रहा है कि कैसे रूसी सेना तेजी से कब्जा किए गए इलाकों की तरफ बढ़ रही है। पूर्वी यूक्रेन में बड़ी तादाद में जान-माल के नुकसान का खतरा बना है।
वहीं रूस ने साफ कहा दिया है कि वो स्वतंत्र घोषित प्रांतों के उन इलाकों पर भी नियंत्रण करेगा, जो विद्रोहियों के कब्जे में नहीं है। अभी रूस समर्थक अलगाववादियों के नियंत्रण में इन प्रांतों का एक तिहाई इलाका ही है। ऐसे में यहां युद्ध होने की संभावना पैदा हो गई है।
कहा जा रहा है कि भारी ताकत के दम पर रूस कब्जा मुक्त इलाकों पर नियंत्रण कर सकता है। हालांकि 451 किलोमीटर लंबी संपर्क रेखा पर बारूदी सुरंगें बिछाई गई हैं और भारी किलेबंदी की गई है, बावजूद इसके रूस वायु सेना और नौसेना का इस्तेमाल तो कर ही सकता है। इन दोनों देशों के बीच तनाव को देखते हुए लग रहा है कि रूस यूक्रेन को एक लंबे युद्ध में घसीट सकता है। जो कब खत्म होगा, इसके बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।
Russia annexed Crimea from Ukraine in 2013 (file photo)
क्यों यूक्रेनवासियों को याद आ रही 2013 की कार्रवाई?
यूक्रेन में रूस के सेना के डोनेट्स्क में घुसते हुए की वीडियो टेलीग्राम, टिकटॉक और दूसरे सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। इस तनाव से यूक्रेन के लोगों को 2013 में क्रीमिया में रूस के दखल की याद ताजा हो गई है। जब पूर्वी यूक्रेन में गृह युद्ध छिड़ गया था।
बेलारूस और रूसी सेनाओं के युद्धाभ्यास से तनाव बढ़ा है। रूस ने यूक्रेन को तीन तरफ से घेर रखा है। स्वतंत्र घोषित प्रांतो पर अलगाववादियों का पूरा कब्जा नहीं हुआ है। इसलिए भीषण युद्ध छिड़ने की आशंका है। रूस ने इसी तरह 2013 में क्रीमिया को यूक्रेन से छीन लिया था और फिर पूर्वी यूक्रेन में भीषण गृहयुद्ध छिड़ गया था।