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Subramanian Swamy viral post: पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) हमेशा ही अपने बेबाक बयानों और सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर सुर्खियों में रहते है. कई बड़े मामलों में उन्होंने खुद हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिका लगाई और कई केस में खुद पैरवी भी की. गुरुवार को डॉ. स्वामी एक बार फिर चर्चा में रहे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को लेकर एक X पोस्ट किया. इसमें उन्होंने बीजेपी को नसीहत दी है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस पोस्ट में क्या है? हम आपको डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी के निजी जीवन और राजनीतिक करियर पर भी जानकारी दे रहे हैं.
X पर किया पोस्ट
डॉ स्वामी ने पोस्ट किया, ‘BJP के लिए यही अच्छा होगा कि वह BJP के जाने-माने नेताओं (जो लोकसभा या राज्यसभा में 5 से ज़्यादा बार MP रहे हों) की एक कॉन्फ्रेंस करे, ताकि पार्टी को USA में गैर-कानूनी सेक्सुअल एक्टिविटी में शामिल कुछ भारतीय नेताओं से जुड़े नए इंटरनेशनल स्कैंडल से निपटने के लिए तैयार किया जा सके. उनकी तस्वीरें जल्द ही जाने-माने US अखबारों में आ सकती हैं, जिससे भारतीय नेताओं और हमारे देश को नुकसान हो सकता है.’
It is in the interest of the BJP to have a conference of prominent BJP party politicians (who have had more than 5 MP tenures in Lok Sabha or Rajya Sabha), in order to to prepare the party for dealing with the new international scandal involving some Indian Politicians…
— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 27, 2025
इन मुद्दों पर भी रहे सुर्खियों में
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने में अहम भूमिका निभाई. 1981 में सुब्रमण्यम स्वामी के कदमों की वजह से ही हिंदू तीर्थयात्रियों को मशहूर कैलाश मानसरोवर यात्रा करने की इजाज़त मिली, जिससे रास्ता फिर से खुल गया. यह मामला उस समय के चीनी नेता देंग शियाओपिंग के साथ एक मीटिंग में सुलझाया गया था. इस मीटिंग में सुब्रमण्यम स्वामी ने अपना केस पेश किया और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने में मदद की.
सुब्रमण्यम स्वामी ने 1990-91 के दौरान प्लानिंग कमीशन के चेयरमैन और यूनियन कॉमर्स और लॉ मिनिस्टर के तौर पर भी काम किया. सुब्रमण्यम स्वामी ने राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग को लेकर में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का निजी जीवन
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का जन्म 15 सितंबर, 1939 को चेन्नई के मायलापुर में हुआ था. उनके पिता, सीतारामन सुब्रमण्यम, एक सीनियर सिविल सर्वेंट थे, और उनकी मां, पद्मावती, एक होममेकर थीं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से मैथ्स में BA (ऑनर्स) और ISI, कोलकाता से स्टैटिस्टिक्स में मास्टर डिग्री ली. बाद में उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता साइमन कुज़नेट्स के गाइडेंस में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में PhD की, और पूरी रॉकफेलर स्कॉलरशिप भी ली. भारत लौटने से पहले, स्वामी ने हार्वर्ड में इकोनॉमिक्स के असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर भी काम किया.
डॉ. स्वामी का राजनीतिक सफर
डॉ. स्वामी के राजनीतिक सफर के बारे में बात करें, तो उन्होंने 1960 के दशक में जनता पार्टी से सर्वोदय आंदोलन में हिस्सा लेने के साथ यह शुरू किया, जहां वे फाउंडिंग मेंबर थे. समय के साथ, वे भारत की सबसे बेबाक और आज़ाद पॉलिटिकल आवाज़ों में से एक बनकर उभरे. इमरजेंसी (1975-77) के दौरान, उन्होंने पार्लियामेंट सेशन में हिस्सा लेकर सुर्खियां बटोरीं, और विरोध का सिंबल बन गए. 1990 से 2013 तक इसके प्रेसिडेंट रहे, वे 1974 से 1999 के बीच पांच बार लोकसभा के लिए चुने गए. बाद में वे चंद्रशेखर सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर बने और 2013 में जनता पार्टी के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में मर्ज होने तक पार्टी को लीड किया.