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'जेल नहीं जमानत है नियम', Hemant Soren के करीबी को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात?

BY: Ankita Pandey • LAST UPDATED : August 28, 2024, 11:34 am IST
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'जेल नहीं जमानत है नियम', Hemant Soren के करीबी को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात?

Supreme Court

India News (इंडिया न्यूज), Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन निवारण अधिनियम में कहा कि “जमानत नियम है और जेल अपवाद है” का सिद्धांत पीएमएलए के तहत धन शोधन के मामलों पर भी लागू होता है। शीर्ष अदालत का यह फैसला तब आया जब उसने धन शोधन के एक मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कथित सहयोगी प्रेम प्रकाश को जमानत दे दी, जबकि उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया।

मनीष सिसोदिया मामले का भी किया गया जिक्र

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने मनीष सिसोदिया के मामले में अपने फैसले पर भरोसा किया है, जिसमें आप नेता को कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले में जमानत दी गई थी। प्रेम प्रकाश को जमानत देते हुए, शीर्ष अदालत ने उनकी लंबी कैद और बड़ी संख्या में गवाहों के कारण मुकदमे में हुई देरी को ध्यान में रखा।

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न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, “मनीष सिसोदिया मामले में दिए गए फैसले पर भरोसा करते हुए हमने कहा है कि पीएमएलए में भी जमानत नियम है और जेल अपवाद है। व्यक्ति की स्वतंत्रता हमेशा नियम है और कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत वंचना अपवाद है।”

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