India news (इंडिया न्यूज़),Supreme Court: एक जमाने में बिहार की सियासत के माहिर खिलाड़ी रहे पुर्व सासंद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। बता दें कि प्रभुनाथ सिंह को सभी अदालत से राहत मिलती गयी लेकिन शिर्ष अदालत ने उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई। अभी फिलहाल वे जेल में ही सजा काट रहे है। वर्तमान में वे राष्ट्रीय जनता दल में है। इससे पहले वे जनता दल युनाइटेड से महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद रहे है।

निचली अदालत के बाद पटना हाईकोर्ट ने भी दे दी थी राहत

पूर्व सांसद प्रभुनाथ  सिंह पर आरोप था कि, उनके आदेश पर दो लोगों ने वोट नहीं दिया था। जिसके बाद सिंह ने छपरा के मसरख निवासी राजेंद्र राय (47) और दारोगा राय (18) की हत्या करवा दी थी। इन दो लोगों ने प्रभुनाथ सिंह के समर्थक प्रत्यासी को वोट नहीं दिया था। सबसे पहले यह मामला जिला न्यालय में पहुंचा। 2008 में सबूतों के आधार पर पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को रिहाई मिल गयी थी। इसके बाद यह मामला पटना हाईकोर्ट में चला गया। पटना उच्य न्यालय ने भी निचली आदालत के फैसले को सही माना। मृतक के परिजनों ने पटना हाई कोर्ट के फैसले के विरोध सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी।

शिर्ष आदालत ने प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाया

सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच, जस्टिस किशन कौल, जस्टिस एएस ओका, जस्टिस विक्रम नाम ने प्रभुनाथ सिंह के मामले पर सुनवाई की। जजों ने पहले दोनों पक्षों के दलीलों को सुना। इस पूरे मामले में कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबुत पाया। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।  आदालत ने इस मामले में बिहार के डीजीपी को प्रभुनाथ सिंह को पेश करने का आदेश दिया था। इसके बाद सिंह ने 28 अगस्त को  आवेदन देकर बर्चुअल उपस्थित होने की अनुमति मांगी थी। इस मामले में कोर्ट ने सजा सुनाते हुए  मृतक के परिजनों को दस दस लाख रुपये मुआवज देने का आदेश दिया है।

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