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बोर्ड का CEO भी होगा मुस्लिम, Waqf कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कुछ प्रावधानों पर लगाई गई रोक

Waqf Kanoon: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इस दौरान SC ने कानून की कुछ धाराओं पर रोक लगाकर सरकार को झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के लिए शर्तें तय की हैं और उसे आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है.

Written By: Heena Khan
Edited By: Ashish kumar Rai
Last Updated: 2025-09-15 22:01:39

Waqf Act: वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर बड़ा अपडेट सामने आ रहा है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की वैधता पर कोई फैसला नहीं सुनाया है या ऐसा कहें कि अधिनियम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन इसकी धाराओं पर रोक लगाते हुए कई कंडीशन रखी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अधिनियम की 2 धाराओं पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही शर्तें तय करते हुए इनका अनुपालन सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए हैं. 

जानिए किन धाराओं पर लगी रोक 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से 5 साल की अवधि वाले प्रावधान पर रोक लगा दी है. जी हां अनुच्छेद 374 पर रोक लगा दी गई है. राजस्व अभिलेखों से संबंधित धारा पर भी रोक लगा दी गई है. साथ ही, बोर्ड में तीन से ज़्यादा गैर-मुस्लिमों को शामिल न करने की बात भी कही गई है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ये भी कहा गया है कि बोर्ड का CEO भी एक मुस्लिम होना चाहिए. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर को व्यक्तिगत नागरिकों के अधिकारों का फैसला करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन होगा.

कलेक्टर के अधिकारों को लेकर बड़ा अपडेट 

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जब तक ट्रिब्यूनल का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक किसी भी पक्ष के विरुद्ध किसी तीसरे पक्ष के अधिकारों का सृजन नहीं किया जा सकता. कलेक्टर को ऐसे अधिकार देने वाले प्रावधानों पर भी रोक लगा दी गई है. सर्वोच्च न्यायालय ने कानून पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा है कि किसी भी कानून की संवैधानिकता के पक्ष में हमेशा एक पूर्वधारणा होती है और हस्तक्षेप केवल दुर्लभतम मामलों में ही किया जाता है. इसलिए, सर्वोच्च न्यायालय कानून पर रोक नहीं लगा सकता.

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