संबंधित खबरें
मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिला उठे सपाई, कह दी ऐसी बात सुनकर सकते में आ जाएंगे आप
महाराष्ट्र्र चुनाव में मौलानाओं के फतवे का बीजेपी पर नहीं पड़ा कुछ असर, अब PM Modi देंगे ऐसी सजा 7 पुश्तें भी रखेंगी याद
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
‘हमने लोकतंत्र की परीक्षा…’, झारखंड चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद ये क्या बोल गए हेमंत सोरेन? PM Modi को नहीं आएगा रास
हेमंत सोरेन से अलग क्या है कल्पना की पहचान? राजनीति में आने से पहले चलाती थीं प्ले स्कूल, JMM की जीत में रही बड़ी भूमिका
India News(इंडिया न्यूज), Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए आचार संहिता का हवाला देकर क्षमा याचिकाओं पर फैसला कर रही है, जबकि कोर्ट ने आदेश दिया था कि इस मामले में आचार संहिता आड़े नहीं आएगी। पिछले सप्ताह कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के जेल विभाग के मुख्य सचिव को कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का निर्देश दिया गया था। कैदियों की सजा माफी पर फैसले का यह मामला था।
अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई क्योंकि उसने दोषियों की रिहाई के लिए अदालत के आदेश का पालन न करने के लिए आचार संहिता का हवाला दिया था। अदालत ने बताया कि उसने यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव आचार संहिता छूट तय करने के रास्ते में नहीं आएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश राज्य के जेल विभाग के प्रधान सचिव को फटकार लगाई और राज्य को अदालत के आदेशों की अवहेलना करने के लिए अदालत की अवमानना की कार्यवाही की चेतावनी दी।
Bangladesh: हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर भड़की Priyanka Gandhi, कही यह बात
पीठ ने टिप्पणी की, “हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। ऐसा नहीं चलेगा। उत्तर प्रदेश हमारे आदेशों का पालन क्यों नहीं कर रहा है? हम आपको ऐसे ही नहीं छोड़ेंगे!” न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय ओका ने कहा कि आप हर मामले में हमारे न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कैसे कर रहे हैं? हर मामले में जब हम आपको समय से पहले रिहाई पर विचार करने का निर्देश देते हैं, तो आप उसका पालन क्यों नहीं करते है?
इस पर यूपी सरकार के वकील ने कहा कि राजेश कुमार सिंह के सभी मामलों की फाइलें सक्षम प्राधिकारी (उत्तर प्रदेश के राज्यपाल) के पास हैं। वह पिछले काफी समय से बाहर थीं, उनके आज वापस आने की संभावना है और इस पर कार्रवाई भी की जाएगी। हमने 5 जुलाई को हमने संबंधित मंत्री को फाइल भेजी और वहां से 11 जुलाई को सीएम और फिर 6 अगस्त को राज्यपाल को भेजी गई है।
जज जस्टिस ओका ने कहा कि कैदी को देरी के लिए मुआवजा कौन देगा? इस पर यूपी सरकार के वकील ने कहा कि हमें 16 अप्रैल को प्रस्ताव मिला था और इसी बीच आचार संहिता लागू हो गई। तब जज जस्टिस ओका ने कहा कि हमने कहा था कि आचार संहिता आड़े नहीं आएगा। इसपे यूपी सरकार के वकील ने कहा कि सीएम सचिवालय को फाइल ही नहीं मिली है।
इस मामले में अपना आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के वकील के पास इतनी देरी के लिए कोई भी स्पष्टीकरण नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कोर्ट द्वारा पारित आदेश के बावजूद कि रिहाई के मामले में निर्णय लेने में आचार संहिता आड़े नहीं आएगी, सीएम के सचिव को भेजी गई फाइल स्वीकार नहीं की गई। आचार संहिता खत्म होने के बाद ही फाइल सीएम सचिवालय भेजी गई।
हम यूपी सरकार के वकील को निर्देश देते हैं कि वे हलफनामा दाखिल करें और उन अधिकारियों के नाम बताएं जिन्होंने फाइलें लेने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वह यह भी बताएं कि क्या उन्होंने संबंधित अधिकारियों के सामने यह पेश करने का कोई प्रयास किया कि सरकार को कोर्ट के आदेशों का पालन करना है। अवमानना नोटिस जारी करने से पहले हम राकेश कुमार को निर्देश देते हैं कि वह हलफनामा दाखिल करें जिसमें वह मौखिक रूप से कही गई बातों को शामिल करें।
कौन हैं Dimple Yadav के राइट हैंड, जिन पर लगा नाबालिक से रेप का आरोप
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.