इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
एलआईसी के शेयरों का आवंटन आज 12 मई को होना है। लेकिन इससे ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आवंटन पर रोक लगाने की याचिका पर एलआईसी आईपीओ की प्रक्रिया में दखल से इनकार कर दिया है। यानि कि एलआईसी शेयरों का अलॉटमेंट आज ही होगा। याचिका में शेयर अलॉटमेंट प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा कि कोर्ट को कमर्शियल निवेश और आईपीओ के मामलों में कोई अंतरिम राहत देने से बचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद एलआईसी आईपीओ में शेयर अलॉटमेंट और इसकी लिस्टिंग पूर्व निर्धारित समय पर होने का रास्ता साफ हो गया है।
हालांकि, कोर्ट ने वित्त अधिनियम, 2021 और एलआईसी अधिनियम की धाराओं के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। कोर्ट की बेंच ने कहा कि अंतरिम राहत के पहलू पर कोर्ट को प्रथम दृष्टया मामले के सुस्थापित सिद्धांत, क्या कोई अपूरणीय क्षति है आदि देखना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि हम कोई अंतरिम राहत नहीं देना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर केंद्र और एलआईसी को नोटिस जारी करते हुए 8 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा। बता दें कि एनजीओ पीपल फर्स्ट ने पॉलिसी होल्डर्स की ओर से एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। कोर्ट ने बुधवार को एलआइसी के आईपीओ के खिलाफ एक रिट याचिका को स्वीकार किया था।
मनी बिल के ऊपर भी विचार करने की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज जब इस मामले में सुनवाई शुरू हुई तो पॉलिसी होल्डर्स की ओर से सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान ने कहा कि मनी बिल लाकर सरकार ने एलआईसी आईपीओ लाने का रास्ता तैयार किया। लेकिन इसके ऊपर भी विचार करने की जरूरत है। दरअसल, एलआईसी के साथ लोगों के अधिकार जुड़े हुए हैं। ऐसे में आईपीओ लाने के लिए मनी बिल के जरिये रास्ता नहीं तैयार किया जा सकता है।
523 लाख करोड़ रुपये डायवर्ट
वहीं सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा कि पॉलिसी होल्डर्स से तथाकथित नॉन पार्टिसिपेटिंग सरप्लस के नाम पर 523 लाख करोड़ रुपये डायवर्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी का मालिकाना हक बदल रहा है। आईपीओ के जरिए जो पैसा मिलेगा, वह पॉलिसी होल्डर्स के पास नहीं जाएगा बल्कि सारा पैसा भारत सरकार के बजट को बैलेंस करने में खर्च होगा।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने दिया ये जवाब
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (अरॠ) ने कहा कि एलआईसी आईपीओ पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। नियमों के मुताबिक इंश्योरेंस बिजनेस के सरप्लस को किस तरह से इस्तेमाल किया जाता है। जयसिंह ने इसके जवाब में कहा कि सरकार एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स के लिए ट्रस्टी की भूमिका में है।
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