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India News, (इंडिया न्यूज), Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज 3 जनवरी (बुधवार) को अडाणी हिंडनबर्ग केस में अहम फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ ( CJI D.Y Chandrachud) और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर अपना फैसला सुनाया। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी की भी प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि ‘माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से पता चलता है कि: सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा।जय हिन्द।’
The Hon'ble Supreme Court's judgement shows that:
Truth has prevailed.
Satyameva Jayate.I am grateful to those who stood by us.
Our humble contribution to India's growth story will continue.
Jai Hind.
— Gautam Adani (@gautam_adani) January 3, 2024
खबरों के अनुसार अडानी समूह के लिए यह एक बड़ी जीत है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि जॉर्ज सोरोस के नेतृत्व वाली ओसीसीआरपी की रिपोर्ट हिंडनबर्ग मामले में पूंजी बाजार नियामक सेबी की जांच पर संदेह करने का आधार नहीं हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जांच को विशेष जांच दल को स्थानांतरित करने का कोई आधार नहीं है।
Adani-Hindenburg: The Supreme Court says the power of this court to enter the regulatory framework of SEBI is limited pic.twitter.com/923aAVfVjG
— ANI (@ANI) January 3, 2024
पीठ ने कहा कि ‘सेबी की जांच में एफपीआई नियमों से जुड़ी कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। इस मामले में सीमित अधिकार हैं जिनके बेस पर जांच की गई है। सेबी के रेगुलेटरी ढांचे में प्रवेश करने की इस कोर्ट की शक्ति सीमित है यानी अदालत सेबी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देगा। सेबी के जांच नियमों में कोई खामी नहीं है और सेबी की बजाए एसआईटी को इस मामले की जांच नहीं सौपी जाएगी।’
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दो अहम टिप्पणी की है। जिसमें अदालत ने कहा है कि ‘केवल मीडिया रिपोर्ट्स या खबरों-प्रकाशन के आधार पर ही भरोसा नही किया जा सकता है। एसआईटी को अडानी मामला ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं मिला है। कोर्ट ने कहा है कि अपनी तरफ से निगाह रखने वाली किसी जांच समिति को केस स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं मिली है।’
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