संबंधित खबरें
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
India News (इंडिया न्यूज़), Article 370, दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह 2 अगस्त से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई शुरू करेगा। यह सुनवाई हर दिन होगी, सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन मौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ मामले की सुनवाई करेगा।
बेंच ने कहा कि सभी पक्षों को 27 जुलाई तक सभी दस्तावेज, संकलन और लिखित में जो भी दाखिल करना है वह कर दें। अनुच्छेद 370 की सभी याचिकाओं पर सुनवाई 2 अगस्त को सुबह 10:30 बजे शुरू होगी। न्यायालय ने कहा कि वकील प्रसन्ना और कनु अग्रवाल सामान्य सुविधा संकलन तैयार करने के लिए नोडल वकील होंगे।
प्रासंगिक रूप से, न्यायालय ने केंद्र के इस कथन पर भी गौर किया कि संवैधानिकता के पहलू पर बहस के लिए सरकार द्वारा दायर नवीनतम हलफनामे पर भरोसा नहीं किया जाएगा। मामले में दो लोगों ने अपनी याचिका वापस ले ली। पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल और जेएनयू के पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने अपनी याचिका वापस ले ली। अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर 20 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा दायर किया जिसमें कहा गया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व स्थिरता और प्रगति देखी गई है, पत्थरबाजी और स्कूल बंद होना अतीत की बात हो गई है। एक जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक 1.88 करोड़ पर्यटक आए, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है।
5 अगस्त 2019 को भारत सरकरा ने संसद में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। यह जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था। साथी ही सरकार ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (विधानसभा के साथ) और लद्दाख में बांटने का फैसला किया था।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.