India News(इंडिया न्यूज),Tata-Tesla Deal: भारत लगातार रूप से टेक जगत में अपना परचम लहरा रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत के टेक जगत में बढ़ते कदम को देखते हुए चीन-ताइवान की बेचैनी बढ़ रही है। जहां ऐसा माना जा रहा है कि साल 2026 के अंत तक टाटा का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट शुरू हो जाएगा। लेकिन इससे पहले टाटा एक बड़ी डील कर ली है, जिसने भारत को रणनीतिक प्लेयर की लीग में शामिल कर दिया है। वहीं जारी रिपोर्ट की माने तो टाटा ग्रुप फर्म टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने टेस्ला के साथ एक डील साइन की है। जिसके तहत टाटा आने वाले दिनों में टेस्ला के वर्ल्ड वाइड ऑपरेशन्स के लिए सेमीकंडक्टर बनाएगा।
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अगर टेस्ला के साथ ये डील फाइनल हो जाती है तो ये भारते के लिए बड़े मिल का पत्थर साबीत हो सकता है। क्योंकि सेमीकंडक्टर सेक्टर में चीन, ताइवान और साउथ कोरिया जैसे देशों का दबदबा था, उस सेक्टर में भारत ने एंट्री कर ली है। टाटा और टेस्ला डील से वैश्विक स्तर पर भारत की साख बढ़ेगी। वहीं सरकार देश में सेमीकंडक्टर प्लांट को लगाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव यानी पीएलआई स्कीम का ऐलान किया है। जानकारी के लिए बता दें कि, सरकार के कोशिशों की नतीजा है कि टाटा गुजरात और असम में सेमीकंडक्टर प्लांट बना रही है। चिपसेट की कमी की वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।
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वहीं बात अगर सेमीकंडक्टर की करें तो, ये किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का ब्रेन होता है। इसे स्मार्टफोन, क्रेडिट कार्ड, वॉशिंग मशीन, मिसाइल समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में इस्तेमाल किया जाता है।