संबंधित खबरें
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
'वीटो लगाने की अनुमति नहीं देगा…' जाने बिना नाम लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किस देश की लगा दी क्लास?
जंगल में मिला 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए, आखिर किसने छुपाई करोड़ों की संपत्ति, जब पुलिस को पता चला तो फटी रह गई आंखें
अपने पापों का प्रायश्चित करेंगे एकनाथ शिंदे? अचानक उठाया ऐसा कदम, महाराष्ट्र की राजनीति में आ गया भूचाल, भाजपाइयों के उड़ गए होश
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: क्लाइमेट चेंज आने वाले समय में भयानक तबाही लाएगा। क्लाइमेट चेंज (Climate Change) की वजह से दुनिया में भयानक प्राकृतिक आपदाएं भी बढ़ रही हैं। इस बात का दावा संयुक्त राष्ट्र (UN) की तरफ से जारी रिपोर्ट में किया गया है। विशेषज्ञों की मानें तो अगर इसी तरह क्लाइमेट चेंज होता रहा तो दुनिया में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ जाएंगी। रिसर्च के अनुसार 2030 तक हरा साल 560 से ज्यादा आपदाएं आ सकती हैं।
इस समय हर साल दुनिया में 400 से ज्यादा प्राकृतिक आपदाएं (Natural Disasters) आती हैं। यूनाइटेड नेशंस ऑफिस फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (UNDRR) की रिपोर्ट में यह भ बताया गया है कि साल 1970 से 2000 के बीच हर साल 90-100 प्राकृतिक आपदाएं आती थी। जो क्लाइमेट चेंज की वजह से साल दर साल बढ़ती जा रही हैं।
यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक सूखा पड़ने के मामलों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी (increase of 30 percent in the cases of drought)। लू भी 2001 के मुकाबले 2030 तक 3 गुणा बढ़ जाएगी। इस साल भारत में तापमान काफी बढ़ गया है।
मार्च महीने में गर्मी ने 121 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। रिसर्च में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि क्लाइमेट चेंज होने के कारण सिर्फ प्राकृतिक आपदाएं ही नहीं आ रही, बल्कि महामारियां, आर्थिक संकट, खाने की कमी भी बढ़ रही है। अभी तो न जाने कितनी आपदाओं का कारण यह क्लाइमेट चेंज है।
UNDRR की प्रमुख मामी मिजुटोरी का इस बारे में कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का लोगों को अंदाजा ही नहीं है। मिजुटोरी ने कहा कि अगर इस समस्या का समाधान आज नहीं किया गया तो भविष्य में हमे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इस नुकसान की भरपाई कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाएगा। मार्कस इनेकनेल का कहना है कि आने वाले समय में प्राकृतिक आपदाओं का ज्यादा असर गरीब देशों पर होगा।
इन आपदाओं का सामना करने के लिए जितने धन की जरूरत होगी, उतना धन गरीब देश जुटा ही नहीं पाएंगे। आपदाओं के साथ आने वाली बीमारियां इंसान के रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देंगी। गर्म हवाएं चलना, यूक्रेन में जंग के कारण खाने और ईंधन की कमी होना भी आपदाएं ही हैं। इन कारणों की वजह से कई देश बर्बादी की कगार पर खड़े हैं।
पुलवर्टी ने कहा कि वैसे तो हर साल आपदाओं से होने वाली मौतों में गिरावट दर्ज होनी शुरू हो गई थी, लेकिन आखिरी पांच साल की बात करें तो यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इसके पीछे कोरोना महामारी (Covid-19) बड़ी वजह बनकर सामने आई है। अगर अभी भी समाज ने अपने सोचने के तरीके में बदलाव नहीं किया तो आने वाला समय काफी खतरनाक हो जाएगा। भविष्य की आपदाओं में मौतें नहीं थमेंगी।
Read More : कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का आरोप, पैसे देकर मुसलमानों से पत्थर फेंकवाती है भाजपा, पलटवार में मिला ये जबाव
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
यह भी पढ़ें : दिल्ली कोरोना अपडेट, 24 घंटे में मिले 1200 से भी ज्यादा संक्रमित केस, एक मौत
यह भी पढ़ें : कलयुगी बेटे ने बुजुर्ग मां को जिंदा जलाया, पत्नी और बेटी को भी मारने का प्रयास, जानिए क्या है माजरा?
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.