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No Money For Terror, Amit Shah: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) शुक्रवार को एनआईए द्वारा आयोजित ‘No Money for Terror’ सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद को फंडिंग आतंकी घटनाओं से कहीं अधिक खतरनाक है। इन आतंकी खतरे को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और न ही होना चाहिए।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आतंकी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए लगातार नए तरीके खोज रहे हैं। आतंकवादी कट्टरपंथी सामग्री फैलाने और अपनी पहचान छिपाने के लिए डार्कनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्ति का उपयोग भी बढ़ रहा है।
आपको बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हमें डार्क नेट पर होने वाली ऐसी गतिविधियों के पैटर्न का विश्लेषण और समझना होगा और उनका समाधान खोजना होगा। दुर्भाग्य से कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से निपटने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर या नष्ट करना चाहते हैं।
आतंकवादी लगातार हिंसा को अंजाम देने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के नए तरीके खोज रहे हैं। आतंकवादी अपनी पहचान छुपाने और कट्टरपंथी सामग्री को फैलाने के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल कर रहे हैं:दिल्ली में 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह pic.twitter.com/gYnhg5VLmY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 18, 2022
वहीं अमित शाह ने ये भी कहा कि अक्सर हमने देखा है कि कुछ देश आतंकवादियों को ढाल देते हैं और उन्हें शरण देते हैं। एक आतंकवादी को पनाह देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है। ऐसे तत्व और ऐसे देश अपने मंसूबों में कामयाब न हों, यह देखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
कुछ देश आतंकवादियों का बचाव करते हैं और उन्हें पनाह भी देते हैं। आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है। ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व और ऐसे देश अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली pic.twitter.com/CoQXOZUvmE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 18, 2022
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगस्त 2021 के बाद दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिति में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। सत्ता में बदलाव, आईएसआईएस और अल कायदा के प्रभाव में वृद्धि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। नए समीकरणों ने टेरर फंडिंग के मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है।
अगस्त 2021 के बाद दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिति में बहुत परिवर्तन आया है। सत्ता परिवर्तन तथा अल कायदा, ISIS का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्तवपूर्ण चुनौती के रूप में उभरा है।नए समीकरणों ने टेरर फंडिंग की समस्या को और गंभीर बनाया है: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह pic.twitter.com/n5J3L2h2ye
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 18, 2022
बता दें कि आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा ‘No Money for Terror’ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्घाटन शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने किया। एनआईए के इस कार्यक्रम में 72 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। हालांकि, इसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
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